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मुंबई की महिला को न्यायपालिका के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी पर एक सप्ताह की सजा

Report By : ICN Network

मुंबई उच्च न्यायालय ने एक महिला को न्यायपालिका के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में एक सप्ताह की साधारण कारावास की सजा सुनाई। महिला ने अदालत के आदेशों का उल्लंघन करते हुए न्यायाधीशों को ‘डॉग माफिया’ कहकर अपमानित किया था।

न्यायमूर्ति गिरीश एस. कुलकर्णी और अद्वैत एम. सेठना की पीठ ने इस टिप्पणी को न्यायपालिका के खिलाफ स्पष्ट अवमानना करार दिया और कहा कि यह एक शिक्षित व्यक्ति से अपेक्षित नहीं है। महिला ने न्यायालय के आदेशों को नजरअंदाज करते हुए सोसाइटी के अन्य सदस्यों को एक परिपत्र भेजा था, जिसमें न्यायाधीशों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की गई थी।

महिला के वकील की याचिका पर अदालत ने सजा को 10 दिनों के लिए स्थगित कर दिया, ताकि वह उच्चतम न्यायालय में अपील कर सकें।

यह मामला नवी मुंबई के सीवुड्स हाउसिंग सोसाइटी से जुड़ा है, जहाँ एक निवासी ने अदालत में याचिका दायर की थी कि उसे आवारा कुत्तों को खिलाने से रोका जा रहा था। अदालत ने आदेश दिया था कि सोसाइटी इस तरह की कार्रवाई न करे, क्योंकि यह निवासियों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। महिला ने इसी आदेश के बाद न्यायपालिका के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी।

अदालत ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियाँ न्यायपालिका की गरिमा को गिराने और न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के समान हैं, और यह आपराधिक अवमानना की श्रेणी में आती हैं। इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि न्यायपालिका के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

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