Report By-Deepanshu Sharma,Saharanpur,(UP)
यूपी का सहारनपुर देश ही नही बल्कि पूरे विश्व में लकड़ी के काष्ठ कला उधोग की नक्काशी के लिए बेहद मशहूर है ऐसे में लकड़ी की नक्काशी से तय्यार दीवार घड़ियां हो या फिर घर की सजावट के गुलदस्ते ही क्यों न हो बहरहाल सैकड़ो लकड़ी के बने अलग अलग आईटम की धूम हिंदुस्तान के कौने कोने से लेकर पूरी दुनिया मे हस्तकला उधोग खूब फल फूल रहा है।
लकड़ी पर नक्काशी अगर देखनी हो, तो यह सहारनपुर में ही देखने को मिलेगा । लकड़ी की नक्काशी की वजह से सहारनपुर की चर्चा भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में होती है । यहां की नक्काशी से लकड़ी की वस्तु की सुंदरता देखते ही बनती है । लकड़ी की नक्काशी को उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने स्पेशल प्रोजेक्ट एक जिला एक उत्पाद वाली योजना में सहारनपुर को शामिल किया हुआ है । यहां बाज़ारों में पहुंचे बाहर से आए लोगों की इच्छा होती है कि वह सहारनपुर में बने लकड़ी के समान को जरूर खरीदे । सहारनपुर का लकड़ी उद्योग विदेश में अपनी खास पहचान रखता है । जैसे आगरा का पेठा , मऊ की बेडशीट और काकोरी का कबाब दुनिया में छाए हुए हैं । सहारनपुर की लकड़ी नक्काशी का डंका भी पूरी दुनिया में बजता है ।
कारीगर शोभी खान का कहना था कि लकड़ी की नक्काशी का काम सहारनपुर में बहुत मशहूर है और यह लकड़ी का सामान हर देश में जाता है । ऑस्ट्रेलिया ,अमेरिका हर कंट्री में सहारनपुर का लकड़ी का सामान भेजा जाता है । लकड़ी की नक्काशी के साथ-साथ मूर्तियां बनाना एवं अन्य लकड़ी के समान बनाने का काम किया जाता है । यहां से बनी हुई लकड़ी की मूर्तियां , राम मंदिर देश के प्रधानमंत्री ,गृहमंत्री एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी उपहार स्वरूप दी गई है । इस कार्य से लाखों लोगों को रोजगार मिलता है ।
वी/ओ 2 :- दुकानदार मुकेश मित्तल का कहना था कि सहारनपुर का लकड़ी का काम पूरे विश्व में मशहूर है । यहां पर छोटी की रिंग से लेकर फर्नीचर तक लकड़ी से बनाया जाता है। सारा काम हैंडीक्राफ्ट होता है जिसे छोटे-छोटे बच्चे एवं महिलाएं भी करती है । यह काम किसी भी मशीन से नहीं किया जाता , सारा काम हाथों से किया जाता है।
दुकानदार मुकेश मित्तल का कहना था कि सहारनपुर का लकड़ी का काम पूरे विश्व में मशहूर है । यहां पर छोटी की रिंग से लेकर फर्नीचर तक लकड़ी से बनाया जाता है। सारा काम हैंडीक्राफ्ट होता है जिसे छोटे-छोटे बच्चे एवं महिलाएं भी करती है । यह काम किसी भी मशीन से नहीं किया जाता , सारा काम हाथों से किया जाता है।