Report By : ICN Network
यमुना प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा: यमुना विकास प्राधिकरण कार्यालय में संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) से जुड़े 14 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (औद्योगिक विकास) के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के सीईओ भी उपस्थित रहे।
बैठक में किसान नेताओं ने 10% विकसित प्लॉट दिए जाने, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत सभी लाभ सुनिश्चित करने, और बाजार दर के अनुरूप मुआवजा बढ़ाने जैसी प्रमुख मांगें रखीं। किसान प्रतिनिधियों का कहना था कि पुराने भूमि अधिग्रहण कानून के तहत प्रभावित सभी किसानों को 10% विकसित प्लॉट दिया जाए, जबकि अन्य किसानों को 64.7% प्लॉट आवंटित किया जाए।
इसके अलावा, 1 जनवरी 2014 से लागू नए भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार, किसानों को मिलने वाले मुआवजे में वृद्धि और भूमि की सर्कल दरों में 100% बढ़ोतरी किए जाने की माँग की गई। किसान संगठनों ने तर्क दिया कि पिछले 10 वर्षों में सर्कल रेट में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई, जबकि हर वर्ष 10% वृद्धि का प्रावधान था। ऐसे में मौजूदा दरों को संशोधित कर कम से कम 100% की बढ़ोतरी की जानी चाहिए। साथ ही, अधिग्रहित भूमि के बदले बाजार मूल्य का चार गुना मुआवजा, 20% विकसित प्लॉट, पुनर्वास सुविधाएँ और प्रभावित किसानों के परिवारों को रोजगार देने की माँग रखी गई।
बैठक के दौरान किसान नेताओं ने सभी आवश्यक दस्तावेजों और प्रमाणों के साथ अपना पक्ष मजबूती से रखा। प्रशासन की ओर से इस पर सकारात्मक रुख दिखाया गया और आश्वासन दिया गया कि किसानों की माँगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
इसके अलावा, प्रशासन ने जिले में विभिन्न परियोजनाओं से प्रभावित किसानों की माँगों को लेकर 10 अप्रैल से पहले संबंधित विभागों के साथ बैठकें कराने का भरोसा दिया। इन परियोजनाओं में NTPC, UPSIDA, ईस्टर्न पेरीफेरल, दादरी बाईपास, रेलवे, अंसल बिल्डर, हाइटेक बिल्डर, जेपी बिल्डर, शिव नाडार, अंबुजा बिरला सीमेंट, सेतु निगम, बिजली और पाइपलाइन परियोजनाएँ, जेवर एयरपोर्ट, DMIC और DFCC परियोजनाएँ शामिल हैं।
बैठक में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत), भाकियू महात्मा टिकैत, भाकियू भानु, भाकियू मंच, भाकियू अजगर, भाकियू संपूर्ण भारत, भाकियू कृषक शक्ति, भाकियू अखंड, भाकियू एकता, किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा, किसान एकता महासंघ, किसान बेरोजगार सभा और जय जवान जय किसान मोर्चा सहित 14 किसान संगठनों के नेता शामिल हुए।