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यमुना नदी की बिगड़ती जल गुणवत्ता: 33 में से 22 स्थानों पर मानकों पर खरा नहीं उतरा पानी

Report By : ICN Network

केंद्र सरकार ने संसद की एक स्थायी समिति को जानकारी दी है कि यमुना नदी के जल की गुणवत्ता बेहद चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई है। किए गए परीक्षणों के अनुसार, यमुना के 33 निगरानी स्थलों में से 22 स्थानों पर पानी गुणवत्ता के मानकों को पूरा नहीं कर सका।

यह जानकारी केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा दी गई, जिसमें कहा गया कि वर्ष 2021 से 2023 के बीच जो परीक्षण किए गए, उनमें कई जगहों पर पानी में घुलित ऑक्सीजन (DO), बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD), पीएच स्तर और फीकल कोलीफॉर्म जैसे अहम मानकों की स्थिति बेहद खराब पाई गई।

विशेष रूप से दिल्ली का 40 किलोमीटर का यमुना खंड, जो हरियाणा के पल्ला से प्रवेश करता है और उत्तर प्रदेश के असगरपुर तक जाता है, सबसे अधिक प्रदूषित पाया गया। मंत्रालय के अनुसार, दिल्ली में कई नालों को अब तक पूरी तरह से बंद नहीं किया गया है, जिससे अपशिष्ट सीधे नदी में गिरता है और प्रदूषण का स्तर और बढ़ जाता है।

उत्तर प्रदेश में भी यमुना के जल की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं रही, जबकि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में नदी की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर पाई गई।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दिल्ली जल बोर्ड द्वारा लगाए गए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों (STPs) की संख्या के बावजूद, अभी भी कई नालों का सीवेज बिना ट्रीटमेंट के यमुना में गिर रहा है। मंत्रालय ने यह भी माना कि इस समस्या के समाधान के लिए स्थानीय निकायों और राज्य सरकारों को मिलकर और तेजी से काम करने की जरूरत है।

यमुना की यह स्थिति राजधानी समेत कई शहरों की जल जीवन रेखा पर गंभीर संकट की ओर इशारा करती है, और इसके लिए तत्काल ठोस कदम उठाना समय की मांग बन चुका है।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

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