Report By : ICN Network
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार के आठ वर्षों का रिपोर्ट कार्ड पेश किया, जिसमें प्रदेश के विकास और जनता के कल्याण से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं को रेखांकित किया गया। इन आठ वर्षों में सरकार ने कृषि, कानून व्यवस्था, रोजगार, आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में बड़े बदलाव किए हैं।
कृषि क्षेत्र में व्यापक सुधार हुए हैं। 2017 से पहले जिस कृषि क्षेत्र की अनदेखी हो रही थी, उसमें आज मजबूती देखने को मिल रही है। कृषि विकास दर 5% से बढ़कर 13% हो गई है। किसानों को राहत देने के लिए बड़े पैमाने पर कर्ज माफी की गई, सिंचाई सुविधाओं को बेहतर किया गया और गन्ना किसानों को बीते 22 वर्षों की तुलना में अधिक भुगतान मिला। प्रदेश में तीन नई चीनी मिलों की स्थापना के साथ 38 मिलों का विस्तार हुआ। फल और सब्जी उत्पादन के मामले में उत्तर प्रदेश अब देश में शीर्ष स्थान पर है, वहीं 14 लाख निजी नलकूपों को बिजली आपूर्ति देकर किसानों की खेती को और सुगम बनाया गया है।
कानून व्यवस्था के मोर्चे पर भी बड़ा सुधार हुआ है। पहले जहां आए दिन दंगे और अपराध की घटनाएं सामने आती थीं, वहीं अब स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में है। कुंभ मेले जैसे विशाल आयोजन के दौरान बिना किसी अप्रिय घटना के कार्यक्रम संपन्न हुआ। प्रदेश में 1.56 लाख पुलिस कर्मियों की भर्ती कर सुरक्षा बल को और मजबूत किया गया, जिससे कानून व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाया गया है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, राज्य में अपराध दर में गिरावट दर्ज की गई है, जो दर्शाता है कि सरकार की सख्त नीतियों ने अपराधियों पर लगाम कसी है।
रोजगार और बेरोजगारी के क्षेत्र में भी सरकार ने बड़ा परिवर्तन किया है। जहां पहले बेरोजगारी दर 19% थी, वह अब घटकर मात्र 3% रह गई है। राज्य से दो लाख करोड़ रुपये का निर्यात किया गया, जिससे औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिला। इसके अलावा, 50 लाख युवाओं को लैपटॉप और टैबलेट वितरित कर उनकी शिक्षा और करियर को नई दिशा दी गई है।
किसानों की आय बढ़ाने के लिए भी सरकार ने कई योजनाओं को लागू किया। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत हजारों किसानों को सोलर पैनल उपलब्ध कराए गए, जिससे उनकी आय में वृद्धि हुई। करीब 86 हजार किसानों ने इस योजना का लाभ उठाया। इसके अलावा, 14 लाख निजी नलकूपों को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराकर किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया गया।
गोवंश संरक्षण की दिशा में भी सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। प्रदेश में 7,700 से अधिक गो आश्रय स्थलों की स्थापना की गई, जहां 12.5 लाख से अधिक गोवंश को सुरक्षित आश्रय दिया गया है। सहभागिता योजना के तहत 1.05 लाख पशुपालकों को 1.63 लाख गोवंश सौंपे गए, जिसके लिए सरकार हर महीने प्रति गोवंश 1,500 रुपये की सहायता राशि दे रही है।
आर्थिक विकास के मामले में भी प्रदेश ने तेजी से प्रगति की है। जहां पहले प्रति व्यक्ति आय मात्र 46 हजार रुपये थी, वहीं अब यह बढ़कर 1.24 लाख रुपये तक पहुंच गई है। प्रदेश का बैंकिंग व्यवसाय भी 29.66 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो आर्थिक सुधारों और निवेश को आकर्षित करने की दिशा में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
योगी सरकार के आठ वर्षों की इस विकास यात्रा ने उत्तर प्रदेश को एक नई दिशा और पहचान दी है। सरकार की योजनाओं और नीतियों ने प्रदेश को तेजी से प्रगति की ओर बढ़ाया है, जिससे जनता को सीधा लाभ मिला है।