मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नोएडा के अलावा गुरुग्राम, दिल्ली, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में भी बिल्डर के कार्यालयों और प्रोजेक्ट साइट पर दस्तावेजों की जांच की जा रही है। पिछले 70 घंटे से आधा दर्जन से अधिक टीमें चार बिल्डरों के कॉरपोरेट ऑफिस और प्रोजेक्ट साइटों सहित 40 ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है। टीम मौके से मिले संदिग्ध दस्तावेज भी खंगाल रही हैं। रेड के दौरान इनकम टैक्स के 100 से अधिक अफसर लेनदेन का ब्यौरा खंगाल रहे हैं। करोड़ों के कैश और 50 करोड़ के गलत लेनदेन की जानकारी इनकम टैक्स के हाथ लगी है। ये कहते है अधिकारिक सूत्र…
छापेमारी के दौरान किसी को बाहर से अंदर या अंदर से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा। सभी लोगों के फोन और लैपटॉप को जब्त कर छानबीन की जा रही है। वहीं इस कार्रवाई की लेकर डिपार्टमेंट की ओर से कहा गया है कि लॉजिक्स ग्रुप ने इंडिया बुल्स से लगभग 2 हजार करोड़ का लोन लिया है। लोन के बाद उसने नोएडा में 5 से 6 प्लॉट खरीदे हैं। ये प्लॉट ऑफिस और कॉमर्शियल स्पेस के लिए थे। यहां निर्माण शुरू किया गया, लेकिन आधे-अधूरे निर्माण के बाद लॉजिक्स ने काम पर रोक लगा दी। वहीं दूसरी तरफ इंडिया बुल्स की ओर से लगातार लोन जमा करने का दबाव किया जा रहा है। जिसके चलते लॉजिक्स ने भूटानी ग्रुप के साथ एक एग्रीमेंट साइन किए। जिसके तहत भूटानी ग्रुप इनका कॉमर्शियल स्पेस बनाएगा और सेल करेगा। इस प्रोजेक्ट में जो प्रॉफिट आएगा, उससे धीरे-धीरे लोन के पैसे लॉजिक्स को भुगतान के रूप में दिया जाएगा। गौरतलब है कि डेढ़ साल पहले फरवरी 2022 में इनकम टैक्स विभाग को कुछ इनपुट मिले थे। जिसके बाद उन्होंने दस्तावेजों की जांच करनी शुरु की। इस बीच, खुलासा हुआ कि भूटानी ग्रुप दो भागों में बंट गया है। पहली भूटानी इंफ्रा और दूसरा ग्रुप 108। इनका पैसा भी इस कमर्शियल स्पेस में लगा है। इसी तरह एडवंट बिल्डर भी पहले भूटानी के साथ कोलेब्रेशन में काम करता था। दावा किया जाता है कि उसका पैसा भी इसमें लगा है। ऐसे में इन चारों बिल्डरों पर एक साथ रेड की गई है। जिसके बाद से ही इनके बीच हड़कंप मचा हुआ है।