Report By : Rishabh Singh,ICN Network
दिवंगत एक्टर इरफान खान ने बॉलीवुड ही नहीं, हॉलीवुड तक में अपने अभिनय की छाप छोड़ी। उन्होंने अपने अभिनय से हर वर्ग के दर्शकों को प्रभावित किया। राजस्थान के जयपुर में इरफान का जन्म एक मुस्लिम पठान परिवार में 7 जनवरी 1967 को हुआ था। इरफान न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से पीड़ित थे और उन्होंने इस बीमारी से एक लंबी लड़ाई लड़ी। 29 अप्रैल 2020 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। आज इरफान खान की चौथी डेथ एनिवर्सरी पर जानते हैं उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ किस्से…
इरफान खान एक्टर नहीं, क्रिकेटर बनना चाह रहे थे। इस बात का खुलासा इरफान ने खुद ही एक इंटरव्यू के दौरान किया था। एक्टर ने कहा था ‘एक वक्त था जब मैं क्रिकेट खेलता था। मेरा सिलेक्शन सीके नायडू टूर्नामेंट के लिए हुआ था।
इंडस्ट्री में आने के बाद इरफान ने काफी संघर्ष किया। इरफान ने कहा था- ‘मैंने कुछ फिल्में देखीं और एक्टर बनने का सपना देख लिया। ये मेरे जीवन का सबसे बड़ा रिस्क था। मैं जिस परिवार से आता हूं उसमें कोई क्रिएटिव बैकग्राउंड नहीं था। जब NSD में दाखिला हुआ, उन्हीं दिनों पिता की मृत्यु हो गई। जिसके बाद घर से पैसे मिलने बंद हो गए। लिहाजा NSD से मिलने वाली फेलोशिप के जरिए कोर्स किया।
मुंबई में आकर इरफान खान ने काफी स्ट्रगल किया। वो एक्टिंग से पहले इलेक्ट्रिशियन का काम करते थे। इरफान को एक बार राजेश खन्ना के घर पर AC ठीक करने का काम मिला था। जब वो राजेश खन्ना के घर AC ठीक करने गए, तो राजेश खन्ना की दाई ने दरवाजा खोला था। उस समय इरफान ने पहली बार राजेश खन्ना को देखा था और उन्हें देखकर बहुत खुश हुए थे।
छोटे परदे से की एक्टिंग की शुरुआत
इरफान खान ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत दूरदर्शन के सीरियल ‘श्रीकांत’ से की। यह सीरियल साल 1985 में आया था। इसके अलावा उन्होंने ‘भारत एक खोज, चाणक्य, चंद्रकांता, सारा जहां हमारा, बनेगी अपनी बात और संजय खान के धारावाहिक ‘जय हनुमान’ में काम किया।
जय हनुमान में इरफान ने महर्षि वाल्मीकि की भूमिका निभाई थी। इस सीरियल में वाल्मीकि बनने से पहले डाकू वाले पार्ट को दिखाया गया था। जिसका पंजाब के वाल्मीकि समाज ने काफी विरोध किया था।