Report By : Mayank Khanna (ICN Network)
देशभर में कई लोग नौकरी के सिलसिले में अपने घरों से दूर रह रहे हैं और ऐसे में उन्हें अक्सर किराए के मकान की आवश्यकता होती है। लेकिन कई बार किराए का मकान मिलना मुश्किल होता है, और अगर मिल भी जाता है, तो मकान मालिकों की मनमानी अक्सर किराएदारों के लिए परेशानी का कारण बनती है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, मोदी सरकार ने किराएदारों के अधिकारों की रक्षा के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव किया है।
इस नए बदलाव के तहत मकान मालिकों के लिए कुछ पाबंदियां लगाई गई हैं, जिससे किराएदारों को राहत मिलेगी। सरकार ने किराएदारों को पांच महत्वपूर्ण अधिकार प्रदान किए हैं, जिनसे उन्हें अपने अधिकारों का संरक्षण मिलेगा।
- प्राइवेसी का अधिकार: मकान मालिक किराएदार के बिना अनुमति के न तो कमरे में और न ही पूरे मकान में प्रवेश कर सकते हैं।
- नोटिस पीरियड: मकान मालिक किसी किराएदार को अचानक घर से नहीं निकाल सकते; इसके लिए उन्हें कम से कम 15 दिन का नोटिस देना होगा।
- किराए पर नियंत्रण: किराया बढ़ाने के लिए मकान मालिक को तीन महीने पहले नोटिस देना होगा, और किराएदार की सहमति आवश्यक है।
- आधारभूत सुविधाएं: मकान मालिक को बिजली, पानी और पार्किंग जैसी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करनी होंगी।
- मैंटेनेंस: मकान की मरम्मत और रखरखाव की जिम्मेदारी मकान मालिक की होती है, और उन्हें किराएदार की समस्याओं का तुरंत समाधान करना होगा।
इन अधिकारों के चलते किराएदार अब अधिक सुरक्षित और संतोषजनक अनुभव कर सकेंगे