कानपुर में मंडल चुनाव के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन में सारी हदें पार कर दीं। रविवार को जिलाध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया संपन्न कराने के लिए पार्टी कार्यालय पहुंचे चुनाव अधिकारी और पूर्व सांसद संगम लाल गुप्त को कार्यकर्ताओं ने जूते का बुके थमा दिया। इस घटनाक्रम ने माहौल को बेहद तनावपूर्ण बना दिया पार्टी दफ्तर में जुटे कुछ असंतुष्ट कार्यकर्ताओं ने न केवल चुनाव अधिकारी का अपमान किया, बल्कि जोरदार हंगामा भी खड़ा कर दिया। विरोध का यह तरीका न केवल अनुशासनहीनता को दर्शाता है, बल्कि पार्टी के भीतर गहराते असंतोष की ओर भी इशारा करता है संगम लाल गुप्त, जो कि एक वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद हैं, को इस तरह से अपमानित करने की घटना ने पार्टी नेतृत्व को झकझोर दिया है। यह मामला न केवल कानपुर की स्थानीय राजनीति बल्कि पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है बताया जा रहा है कि यह हंगामा मंडल चुनाव में कुछ कार्यकर्ताओं की नाखुशी और असहमति के कारण हुआ। असंतुष्ट कार्यकर्ता चुनाव प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए अपना गुस्सा जाहिर कर रहे थे। हालांकि, इस प्रकार का व्यवहार भाजपा के अनुशासन और मर्यादा के सिद्धांतों के खिलाफ है पार्टी नेतृत्व ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। स्थानीय प्रशासन और पार्टी पदाधिकारियों से घटना की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है इस तरह के घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि पार्टी के भीतर संवाद और समन्वय की कमी गंभीर समस्या बनती जा रही है। यह घटना भाजपा के संगठनात्मक ढांचे पर सवाल खड़े करती है और इसके समाधान के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है
कानपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने चुनाव अधिकारी संगम लाल गुप्त को जूते का बुके थमाया

कानपुर में मंडल चुनाव के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन में सारी हदें पार कर दीं। रविवार को जिलाध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया संपन्न कराने के लिए पार्टी कार्यालय पहुंचे चुनाव अधिकारी और पूर्व सांसद संगम लाल गुप्त को कार्यकर्ताओं ने जूते का बुके थमा दिया। इस घटनाक्रम ने माहौल को बेहद तनावपूर्ण बना दिया पार्टी दफ्तर में जुटे कुछ असंतुष्ट कार्यकर्ताओं ने न केवल चुनाव अधिकारी का अपमान किया, बल्कि जोरदार हंगामा भी खड़ा कर दिया। विरोध का यह तरीका न केवल अनुशासनहीनता को दर्शाता है, बल्कि पार्टी के भीतर गहराते असंतोष की ओर भी इशारा करता है संगम लाल गुप्त, जो कि एक वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद हैं, को इस तरह से अपमानित करने की घटना ने पार्टी नेतृत्व को झकझोर दिया है। यह मामला न केवल कानपुर की स्थानीय राजनीति बल्कि पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है बताया जा रहा है कि यह हंगामा मंडल चुनाव में कुछ कार्यकर्ताओं की नाखुशी और असहमति के कारण हुआ। असंतुष्ट कार्यकर्ता चुनाव प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए अपना गुस्सा जाहिर कर रहे थे। हालांकि, इस प्रकार का व्यवहार भाजपा के अनुशासन और मर्यादा के सिद्धांतों के खिलाफ है पार्टी नेतृत्व ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। स्थानीय प्रशासन और पार्टी पदाधिकारियों से घटना की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है इस तरह के घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि पार्टी के भीतर संवाद और समन्वय की कमी गंभीर समस्या बनती जा रही है। यह घटना भाजपा के संगठनात्मक ढांचे पर सवाल खड़े करती है और इसके समाधान के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है