प्रमुख ब्रांडों के कारोबार समेटने से हजारों लोगों की रोजी रोटी पर संकट हो गया है। अपर आयुक्त ग्रेड दो एसआईबी एसजीएसटी कुमार आनंद ने बताया कि एएनपीआर कैमरे लगवाने का काम तीन दिन में पूरा हो जाएगा कानपुर में एसजीएसटी विभाग की निगरानी और सीसीटीवी कैमरे लगाने की प्रक्रिया ने पान मसाला उद्योग को भारी नुकसान पहुंचाया है। इससे तीन हजार करोड़ रुपये के कारोबार को झटका लगा है, और शहर के पांच प्रमुख ब्रांडों ने उत्पादन कम कर दिया है। इन ब्रांडों में एसएनके, केसर, शुद्धप्लस, किसान और शिखर शामिल हैं, जिन्होंने अब उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, और गुवाहाटी में नए प्लांट स्थापित कर लिए हैं। एक ब्रांड ने तो अपनी मशीनरी भी हटा दी है शहर में कई प्रमुख ब्रांड जैसे एसएनके, गगन, सर, रॉयल, मधु, शिखर, केसर, सिग्नेचर, शुद्ध प्लस, तिरंगा, और किसान का उत्पादन होता है। इसके अलावा, लखनऊ, नोएडा, और दिल्ली से भी तैयार माल शहर में आता है। पान मसाला इकाइयों में कर चोरी रोकने के लिए एसजीएसटी विभाग ने निगरानी बढ़ा दी थी, जिसके तहत 24 घंटे निगरानी की जा रही है और इकाइयों के गेट पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडिंग कैमरे लगाए जा रहे हैं इस निगरानी के कारण कई प्रमुख ब्रांडों के कारोबार पर असर पड़ा है और हजारों श्रमिकों की रोजी-रोटी संकट में पड़ गई है। पान मसाला उद्योग के पलायन से दिल्ली के ब्रांडों को फायदा हो रहा है, जिनकी मांग बढ़ रही है। इससे शहर की इकाइयों का काम लगभग ठप हो गया है, और किराना व्यापार भी प्रभावित हुआ है यह स्थिति यह सवाल उठाती है कि सरकार एक ओर निवेश को प्रोत्साहित कर रही है, लेकिन दूसरी ओर, उद्योग पलायन करने पर मजबूर हो रहे हैं, जिससे रोजगार संकट पैदा हो रहा है
निगरानी से पान मसाला कारोबार को तीन हजार करोड़ का नुकसान, प्रमुख ब्रांडों ने उत्पादन घटाया

प्रमुख ब्रांडों के कारोबार समेटने से हजारों लोगों की रोजी रोटी पर संकट हो गया है। अपर आयुक्त ग्रेड दो एसआईबी एसजीएसटी कुमार आनंद ने बताया कि एएनपीआर कैमरे लगवाने का काम तीन दिन में पूरा हो जाएगा कानपुर में एसजीएसटी विभाग की निगरानी और सीसीटीवी कैमरे लगाने की प्रक्रिया ने पान मसाला उद्योग को भारी नुकसान पहुंचाया है। इससे तीन हजार करोड़ रुपये के कारोबार को झटका लगा है, और शहर के पांच प्रमुख ब्रांडों ने उत्पादन कम कर दिया है। इन ब्रांडों में एसएनके, केसर, शुद्धप्लस, किसान और शिखर शामिल हैं, जिन्होंने अब उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, और गुवाहाटी में नए प्लांट स्थापित कर लिए हैं। एक ब्रांड ने तो अपनी मशीनरी भी हटा दी है शहर में कई प्रमुख ब्रांड जैसे एसएनके, गगन, सर, रॉयल, मधु, शिखर, केसर, सिग्नेचर, शुद्ध प्लस, तिरंगा, और किसान का उत्पादन होता है। इसके अलावा, लखनऊ, नोएडा, और दिल्ली से भी तैयार माल शहर में आता है। पान मसाला इकाइयों में कर चोरी रोकने के लिए एसजीएसटी विभाग ने निगरानी बढ़ा दी थी, जिसके तहत 24 घंटे निगरानी की जा रही है और इकाइयों के गेट पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडिंग कैमरे लगाए जा रहे हैं इस निगरानी के कारण कई प्रमुख ब्रांडों के कारोबार पर असर पड़ा है और हजारों श्रमिकों की रोजी-रोटी संकट में पड़ गई है। पान मसाला उद्योग के पलायन से दिल्ली के ब्रांडों को फायदा हो रहा है, जिनकी मांग बढ़ रही है। इससे शहर की इकाइयों का काम लगभग ठप हो गया है, और किराना व्यापार भी प्रभावित हुआ है यह स्थिति यह सवाल उठाती है कि सरकार एक ओर निवेश को प्रोत्साहित कर रही है, लेकिन दूसरी ओर, उद्योग पलायन करने पर मजबूर हो रहे हैं, जिससे रोजगार संकट पैदा हो रहा है