कानपुर में कर्नलगंज थाने के दरोगा नरेश कुमार ने अधिवक्ता वीरेंद्र कुमार के खिलाफ रंगदारी मांगने और जेल भेजने की धमकी देने का आरोप लगाया है। दरोगा ने वीरेंद्र के खिलाफ 50 हजार रुपये की रंगदारी मांगने समेत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। यह मामला तब सामने आया जब वीरेंद्र ने दो दिन पहले दरोगा और पांच पुलिसकर्मियों पर अभद्रता और जातिवाद से संबंधित गालियां देने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। दरोगा नरेश कुमार ने बताया कि वह 22 जून 2024 को चौकी इंचार्ज के रूप में अपनी ड्यूटी पर थे और उन्होंने सिपाही अनुज कुमार के साथ शनिदेव मंदिर चौराहा पर वाहनों की चेकिंग की। इस दौरान उन्होंने अधिवक्ता वीरेंद्र कुमार को देखा जो हेलमेट नहीं पहने थे और उनकी बाइक की नंबर प्लेट भी टूटी हुई थी। इस पर उन्होंने नियम के अनुसार चालान काट दिया। लेकिन 23 जून 2024 को वीरेंद्र चौकी पहुंचे और उन्होंने खुद को अधिवक्ता बताकर दरोगा को धमकी दी। वीरेंद्र ने कहा कि उनका चालान 6,000 रुपये का है, जिसे रद्द करने के बदले वह 100 गुना राशि मांग रहे थे। उन्होंने दरोगा को धमकी दी कि यदि पैसे नहीं दिए गए तो वह उन्हें जेल भेज देंगे। इसके बाद वीरेंद्र ने तथ्यों को छिपाते हुए न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल किया और दरोगा समेत पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी। दरोगा नरेश कुमार ने बताया कि इसके बाद वीरेंद्र फिर से उनके पास पहुंचे और कहा कि अगर छह लाख रुपये दिए तो वह मुकदमा वापस ले लेंगे। इसके बाद दरोगा ने वीरेंद्र को 50 हजार रुपये बृजेन्द्र स्वरूप पार्क में बुलाकर दिए। इस पर वीरेंद्र ने कहा कि बाकी के 5.50 लाख रुपये जल्दी दे दिए जाएं, तो मुकदमा वापस कर देंगे। जब दरोगा ने मना किया तो वीरेंद्र ने उन्हें बर्खास्त करने और जेल भेजने की धमकी दी। अब दरोगा ने वीरेंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने पुलिस और अधिवक्ता के बीच तनावपूर्ण स्थिति को जन्म दिया है, और मामले की जांच चल रही है
Kanpur में दरोगा ने अधिवक्ता पर 50 हजार रुपये मांगने का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज किया
कानपुर में कर्नलगंज थाने के दरोगा नरेश कुमार ने अधिवक्ता वीरेंद्र कुमार के खिलाफ रंगदारी मांगने और जेल भेजने की धमकी देने का आरोप लगाया है। दरोगा ने वीरेंद्र के खिलाफ 50 हजार रुपये की रंगदारी मांगने समेत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। यह मामला तब सामने आया जब वीरेंद्र ने दो दिन पहले दरोगा और पांच पुलिसकर्मियों पर अभद्रता और जातिवाद से संबंधित गालियां देने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। दरोगा नरेश कुमार ने बताया कि वह 22 जून 2024 को चौकी इंचार्ज के रूप में अपनी ड्यूटी पर थे और उन्होंने सिपाही अनुज कुमार के साथ शनिदेव मंदिर चौराहा पर वाहनों की चेकिंग की। इस दौरान उन्होंने अधिवक्ता वीरेंद्र कुमार को देखा जो हेलमेट नहीं पहने थे और उनकी बाइक की नंबर प्लेट भी टूटी हुई थी। इस पर उन्होंने नियम के अनुसार चालान काट दिया। लेकिन 23 जून 2024 को वीरेंद्र चौकी पहुंचे और उन्होंने खुद को अधिवक्ता बताकर दरोगा को धमकी दी। वीरेंद्र ने कहा कि उनका चालान 6,000 रुपये का है, जिसे रद्द करने के बदले वह 100 गुना राशि मांग रहे थे। उन्होंने दरोगा को धमकी दी कि यदि पैसे नहीं दिए गए तो वह उन्हें जेल भेज देंगे। इसके बाद वीरेंद्र ने तथ्यों को छिपाते हुए न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल किया और दरोगा समेत पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी। दरोगा नरेश कुमार ने बताया कि इसके बाद वीरेंद्र फिर से उनके पास पहुंचे और कहा कि अगर छह लाख रुपये दिए तो वह मुकदमा वापस ले लेंगे। इसके बाद दरोगा ने वीरेंद्र को 50 हजार रुपये बृजेन्द्र स्वरूप पार्क में बुलाकर दिए। इस पर वीरेंद्र ने कहा कि बाकी के 5.50 लाख रुपये जल्दी दे दिए जाएं, तो मुकदमा वापस कर देंगे। जब दरोगा ने मना किया तो वीरेंद्र ने उन्हें बर्खास्त करने और जेल भेजने की धमकी दी। अब दरोगा ने वीरेंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने पुलिस और अधिवक्ता के बीच तनावपूर्ण स्थिति को जन्म दिया है, और मामले की जांच चल रही है