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यूक्रेन और अमेरिका के बीच दुर्लभ खनिजों पर एक महत्वपूर्ण डील फंस गई है। अमेरिकी सरकार चाहती थी कि उसे यूक्रेन के दुर्लभ खनिज संसाधनों पर 50% हिस्सेदारी मिले, लेकिन राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने इस प्रस्ताव पर अब तक सहमति नहीं दी।
अमेरिका का प्रस्ताव, ज़ेलेंस्की का उत्तर – “सोचने का समय चाहिए!
रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेन्ट ने बुधवार को एक ड्राफ्ट कॉन्ट्रैक्ट के साथ ज़ेलेंस्की से मुलाकात की थी। उन्हें उम्मीद थी कि ज़ेलेंस्की इस पर हस्ताक्षर करेंगे, लेकिन उन्होंने कहा, “मैं पहले सोचकर फैसला करूंगा!” यानी वे इस डील को और बेहतर बनाने की उम्मीद रखते हैं।
यूक्रेन की शर्त – सुरक्षा के बाद खनिजों पर बात!
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ज़ेलेंस्की चाहते हैं कि यूक्रेन की खनिज संपदा से जुड़े किसी भी सौदे को सुरक्षा गारंटी से जोड़ा जाए, जो अमेरिका और यूरोप से प्राप्त हो। यूक्रेनी सरकार के एक अधिकारी ने बताया, “हमें इससे बेहतर शर्तें चाहिए।”
अमेरिका की रुचि क्यों?
ट्रंप प्रशासन पहले ही साफ कर चुका है कि यदि यूक्रेन को अमेरिका से सैन्य और आर्थिक सहायता चाहिए, तो उसे अमेरिका को अपनी प्राकृतिक संपदाओं तक पहुंच प्रदान करनी होगी। इसका मतलब यह है कि यूक्रेनी सरकार को दुर्लभ खनिजों और अमेरिकी ऊर्जा निर्यात से जुड़े कुछ विशेष शर्तों को स्वीकार करना होगा।
क्या यूक्रेन में दुर्लभ खनिज हैं?
अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, यूक्रेन में बड़े दुर्लभ खनिज भंडार नहीं हैं। हालांकि, यूक्रेनी भूवैज्ञानिक एजेंसी का कहना है कि कुछ क्षेत्रों में टाइटेनियम, लिथियम और ग्रेफाइट जैसे कीमती खनिज पाए गए हैं। इनमें से कुछ भंडार रूस के कब्जे वाले इलाकों में स्थित हैं।