• Sun. Jun 29th, 2025

नया नोएडा में प्लॉट लेने से पहले रहें सतर्क, 80 स्थानों पर अवैध कॉलोनियों की बाढ़; जल्द शुरू हो सकती है ध्वस्तीकरण की कार्रवाई

Report By : ICN Network

नोएडा में यदि अवैध निर्माण पर रोक नहीं लगी तो “नया नोएडा” केवल एक सपना बनकर रह जाएगा। जिस तेजी से इस इलाके में गैरकानूनी कॉलोनियों का विस्तार हो रहा है, वह चिंता का विषय है। अनुमान है कि अगले एक साल में अधिकतर जमीन इन कॉलोनियों से भर जाएगी, जिससे औद्योगिक विकास के लिए भूमि नहीं बच पाएगी। 80 से ज्यादा जगहों पर कॉलोनाइज़र छोटे प्लॉट बनाकर ऊंची कीमतों पर बेच रहे हैं। लोग ‘नया नोएडा’ नाम से प्रभावित होकर अनजाने में ऐसे प्लॉट ले रहे हैं, जिन्हें न बिजली मिलेगी, न पानी, न सड़क या अन्य मूलभूत सुविधाएं। सबसे बड़ी बात यह है कि ये कॉलोनियाँ पूरी तरह अवैध हैं और किसी भी समय प्राधिकरण की कार्रवाई की चपेट में आ सकती हैं। कॉलोनाइज़र प्लॉट बेचने के बाद गायब हो जाते हैं और खरीदारों को मकान गिराए जाने के नोटिस झेलने पड़ते हैं, जिससे उन्हें आर्थिक हानि भी होती है।

वर्तमान में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में ज़मीन की कीमतें इतनी अधिक हो चुकी हैं कि आम आदमी के लिए घर खरीदना लगभग असंभव हो गया है। ऐसे में नया नोएडा, अपने नाम के आकर्षण और अपेक्षाकृत कम दामों के चलते निम्न आय वर्ग के लोगों की पसंद बन गया है। इसी मौके का फायदा उठाकर कुछ कॉलोनाइज़र अवैध प्लॉट बेचकर लोगों की मेहनत की कमाई हड़प रहे हैं। जारचा से लेकर मसूरी तक कई गांवों में अवैध कॉलोनियां पनप रही हैं। इन कॉलोनियों में विकास की कोई गारंटी नहीं होती, बावजूद इसके लोगों को यह कहकर लुभाया जाता है कि भविष्य में विकास कार्य होगा, जबकि वास्तव में प्राधिकरण ने अब तक किसी अवैध कॉलोनी में विकास नहीं कराया है।

अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लोग जब भी मूलभूत सुविधाओं की मांग लेकर प्राधिकरण के पास पहुंचते हैं, उन्हें निराशा ही हाथ लगती है क्योंकि ऐसे क्षेत्रों में प्राधिकरण कोई विकास कार्य नहीं करता। शहर के अधिसूचित क्षेत्र घोषित होते ही केवल प्राधिकरण को ही प्लॉट आवंटित करने का अधिकार होता है, अन्य किसी को नहीं। लेकिन कॉलोनाइज़र लोगों को यह कहकर गुमराह कर रहे हैं कि ज़मीन किसानों के नाम पर है और अभी तक अधिग्रहित नहीं हुई है। जबकि वास्तविकता यह है कि अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी होने तक किसान का नाम रिकॉर्ड में बना रहता है और बाद में उसे प्राधिकरण के नाम से दर्ज कर दिया जाता है। नया नोएडा 21 हजार हेक्टेयर भूमि पर विकसित किया जा रहा है, जिसे अक्टूबर 2024 में अधिसूचित किया गया था और जहां औद्योगिक इकाइयों को ज़मीन आवंटित की जाएगी। इसकी संपूर्ण ज़िम्मेदारी नोएडा प्राधिकरण की होगी।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *