Report By : ICN Network
महाराष्ट्र सरकार ने 2030 तक 35 लाख किफायती घरों का निर्माण करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है, जिसके लिए लगभग 70,000 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित किया गया है। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, निम्न आय समूह और मध्यम वर्ग के लोगों को सुरक्षित और सस्ते आवास उपलब्ध कराना है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे “मेरा घर, मेरा अधिकार” नाम दिया है, जो सभी नागरिकों के लिए आवास के अधिकार को सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
यह योजना शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में लागू की जाएगी, जिसमें सार्वजनिक और निजी क्षेत्र मिलकर आवास निर्माण कार्य करेंगे। इसके अंतर्गत पुराने झुग्गी-झोपड़ियों का पुनर्विकास किया जाएगा, जिससे लोगों को बेहतर और सुरक्षित आवास मिल सके। कम आय वाले लोगों के लिए किराए पर आवास भी उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही, सरकार अपनी जमीन का उपयोग कर भूमि बैंक बनाएगी ताकि आवास निर्माण के लिए जमीन की कमी न हो।
सरकार ने सभी आवास योजनाओं को एक साथ लाने के लिए “महा आवास” नामक डिजिटल पोर्टल भी बनाया है, जिससे आम जनता आसानी से योजनाओं का लाभ उठा सकेगी। नीति में वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, मजदूरों, विद्यार्थियों और दिव्यांगजनों की आवासीय जरूरतों को प्राथमिकता दी गई है।
इस योजना से न केवल आवास की समस्या का समाधान होगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। यह पहल महाराष्ट्र को 2032 तक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में मदद करेगी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे आम जनता के लिए समर्पित योजना बताया है, जबकि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसे राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम कहा है। इस नई नीति से महाराष्ट्र के आवास क्षेत्र में व्यापक बदलाव आएगा और यह राज्य की प्रगति में अहम भूमिका निभाएगा।