Report By : ICN Network
ग्रेटर नोएडा में 26 मई 2025 को करीब 64,637 स्टांप पेपरों को नष्ट कर दिया गया, जिनकी कुल कीमत लगभग 127 करोड़ रुपये थी। ये स्टांप पेपर ₹10,000 से ₹25,000 मूल्य के थे और मार्च 2025 तक वैध थे, उसके बाद इन्हें अमान्य घोषित कर दिया गया था।
राज्य सरकार द्वारा डिजिटल दस्तावेज़ीकरण को बढ़ावा देने के तहत यह कार्रवाई की गई है। पुराने स्टांप पेपरों का उपयोग अब नहीं किया जा सकेगा और उन्हें जलाकर नष्ट कर दिया गया ताकि उनका पुनः दुरुपयोग न हो सके।
इस नष्ट करने की प्रक्रिया जिला कोषागार के समन्वय में पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न हुई, जिसमें वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। यह कार्रवाई लगभग चार घंटे चली। इस कदम से यह साफ हुआ कि सरकार अब पारंपरिक भौतिक स्टांप पेपर के बजाय डिजिटल माध्यम को प्राथमिकता दे रही है, जिससे दस्तावेज़ीकरण और लेन-देन की प्रक्रिया और अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनेगी।
इस पहल का उद्देश्य भ्रष्टाचार को कम करना, प्रक्रिया को सुगम बनाना और दस्तावेज़ीकरण में आधुनिक तकनीक का प्रयोग करना है। भविष्य में इस तरह की डिजिटल पहल से प्रशासनिक कार्यकुशलता बढ़ेगी और नागरिकों को भी कई सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
ग्रेटर नोएडा में इस बड़े पैमाने पर स्टांप पेपर नष्ट करने की यह प्रक्रिया राज्य सरकार की डिजिटल क्रांति की दिशा में एक अहम कदम है।