उन्होंने यह भी तर्क दिया कि हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 2 आदिवासी समुदायों पर लागू नहीं होती, और चूंकि गावित भील जनजाति से आते हैं, उनके समुदाय में बहुविवाह की परंपरा मौजूद है। कोर्ट ने कहा कि केवल इस आधार पर कि प्रत्याशी ने अपनी दूसरी पत्नी की आय और पैन की जानकारी दी है, यह नहीं कहा जा सकता कि उन्होंने नियमों का उल्लंघन किया है। कोर्ट ने यह भी माना कि देश में ऐसे धर्म और समुदाय भी हैं जहां बहुविवाह की अनुमति है। इसलिए, केवल एक अतिरिक्त कॉलम जोड़ देने से चुनाव रद्द नहीं किया जा सकता और न ही इसे हलफनामे की त्रुटि माना जा सकता है।
शिवसेना विधायक राजेंद्र गावित के निर्वाचन पर नहीं लगेगा रोक, बॉम्बे हाई कोर्ट ने याचिका खारिज की

उन्होंने यह भी तर्क दिया कि हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 2 आदिवासी समुदायों पर लागू नहीं होती, और चूंकि गावित भील जनजाति से आते हैं, उनके समुदाय में बहुविवाह की परंपरा मौजूद है। कोर्ट ने कहा कि केवल इस आधार पर कि प्रत्याशी ने अपनी दूसरी पत्नी की आय और पैन की जानकारी दी है, यह नहीं कहा जा सकता कि उन्होंने नियमों का उल्लंघन किया है। कोर्ट ने यह भी माना कि देश में ऐसे धर्म और समुदाय भी हैं जहां बहुविवाह की अनुमति है। इसलिए, केवल एक अतिरिक्त कॉलम जोड़ देने से चुनाव रद्द नहीं किया जा सकता और न ही इसे हलफनामे की त्रुटि माना जा सकता है।