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Bihar Politics: बिहार विधानसभा हंगामे पर प्रशांत किशोर का तीखा प्रहार, ‘शराब-बालू माफिया की जीत का कड़वा फल, सदन में मारपीट और अराजकता का राज!’

बिहार विधानसभा हंगामे पर प्रशांत किशोर का तीखा प्रहारबिहार विधानसभा हंगामे पर प्रशांत किशोर का तीखा प्रहार

Bihar Politics:
बिहार के सुपौल जिले के राघोपुर में शुक्रवार, 25 जुलाई को जन सुराज पार्टी ने ‘बिहार बदलाव जनसभा’ का आयोजन किया, जिसमें हजारों की संख्या में ग्रामीण और युवा उमड़ पड़े। इस जोरदार सभा को संबोधित करते हुए जन सुराज अभियान के प्रमुख संयोजक प्रशांत किशोर ने बिहार की सड़ती-गलती राजनीति पर करारा हमला बोला। उन्होंने हालिया विधानसभा में हुए हंगामे और हाथापाई को राज्य की राजनीतिक गिरावट का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह सब शराब और बालू माफिया के दम पर सत्ता हासिल करने वालों की देन है। प्रशांत किशोर की यह सभा न केवल स्थानीय स्तर पर राजनीतिक जागरूकता की लहर पैदा कर रही है, बल्कि पूरे बिहार में बदलाव की नई उम्मीद जगा रही है।

शराब-बालू माफिया का बोलबाला: विधानसभा में अशिक्षित और असंवेदनशील लोगों का कब्जा

प्रशांत किशोर ने अपनी कटाक्ष भरी भाषा में कहा कि आज बिहार की राजनीति इतनी पतनोन्मुख हो चुकी है कि शराब और बालू माफिया की गोद में पले लोग विधानसभा की चौखट पार कर रहे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए जोड़ा, “इन लोगों को न भाषा का लिहाज है, न लोकतंत्र की बुनियादी समझ। ये वही लोग हैं जो सदन में बैठकर जनता की सच्ची आवाज को कुचल रहे हैं।” किशोर ने सत्ताधारी पक्ष और विपक्ष दोनों को निशाने पर लेते हुए सवाल उठाया कि जनता ने इन्हें अपना प्रतिनिधि बनाकर भेजा है, लेकिन इनका जनता से कोई लेना-देना ही नहीं लगता। पक्ष हो या विपक्ष, दोनों ही आपसी झगड़ों और अराजकता में उलझे रहते हैं, जबकि जन समस्याओं को नजरअंदाज कर देते हैं। यह बयान बिहार की राजनीति में व्याप्त भ्रष्टाचार और अपराधीकरण पर सीधी चोट करता है।

जनता की आवाज दबाने पर कोई फर्क नहीं: ईमानदार नेताओं की कमी का रोना

सभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने जोर देकर कहा कि जन सुराज अभियान का मूल उद्देश्य इसी बिखरी हुई और असंवेदनशील व्यवस्था को उखाड़ फेंकना है। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा, “जब तक ईमानदार, शिक्षित और जागरूक लोग राजनीति के मैदान में नहीं उतरेंगे, तब तक बिहार में कोई सकारात्मक बदलाव की कल्पना करना बेकार है।” स्थानीय ग्रामीणों ने भी सभा में भारी तादाद में हिस्सा लिया और प्रशांत किशोर की हर बात पर तालियां बजाकर समर्थन जताया। यह सभा क्षेत्र में राजनीतिक चेतना फैलाने का एक मील का पत्थर साबित हो रही है, जहां लोग अब पुरानी पार्टियों से तंग आ चुके हैं।

विधानसभा घेराव पर FIR का खुला चुनौती: ‘एक के बदले 10 हो जाएं, कोई फर्क नहीं!’

सुपौल की इस सभा में प्रशांत किशोर ने विधानसभा घेराव के मामले में दर्ज FIR पर भी बिना किसी झिझक के बोल दिया। उन्होंने कहा, “गरीब और मजलूम लोगों की आवाज उठाने पर अगर FIR होनी है, तो एक के बदले 10 FIR हो जाएं – हमें कोई चिंता नहीं!” यह बयान उनकी निडर छवि को और मजबूत करता है, जो बिहार की सियासत में नई हवा का संकेत दे रहा है। किशोर ने विधानसभा में हुई हाथापाई पर नेताओं को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा, “जब शराब और बालू माफिया सदन में विराजमान होंगे, तो मारपीट ही तो होगी – संवाद की तो गुंजाइश ही कहां बचेगी?” उनका यह कथन बिहार विधानसभा की हालिया घटनाओं पर एक करारा तीर साबित हुआ।

तेजस्वी यादव की धमकी पर पलटवार: ‘चुनाव बहिष्कार का दम भरें तो दिखाएं!’

प्रशांत किशोर ने राजद नेता तेजस्वी यादव के विधानसभा चुनाव बहिष्कार वाले बयान पर भी सीधा प्रहार किया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “तेजस्वी धमकी क्यों दे रहे हैं? अगर इतना ही साहस है तो चुनाव बहिष्कार करके दिखाएं!” यह बयान विपक्षी खेमे में हलचल मचा रहा है, जहां प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी खुद को बिहार की सच्ची वैकल्पिक ताकत के रूप में पेश कर रही है। सभा के अंत में किशोर ने कार्यकर्ताओं को प्रेरित करते हुए कहा कि बदलाव का समय आ गया है, और जन सुराज ही बिहार को नई दिशा देगी। यह आयोजन न केवल राघोपुर बल्कि पूरे सुपौल जिले में राजनीतिक उबाल पैदा कर रहा है।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

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