Akhilesh YadavUP Politics: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने गाजीपुर में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के कार्यकर्ता पर हुई पिटाई की घटना को लेकर सत्ता पक्ष पर करारा प्रहार किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तंज भरे अंदाज में लिखा, “लोकतंत्र में सत्ता का नहीं, सिर्फ़ न्याय का दम होता है।” इस पोस्ट के साथ उन्होंने सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर का एक पुराना वीडियो साझा किया, जिसमें राजभर थाने में पुलिस को ‘पीला गमछा’ पहने खुद का रुतबा दिखाने की बात कहते नजर आ रहे हैं।
अखिलेश का यह तीखा कटाक्ष यूपी की सियासी गलियारों में भूचाल ला रहा है, जहां उन्होंने सत्ता के दुरुपयोग पर सवाल खड़े किए। हाल ही में राजभर के जन्मदिन पर अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा था कि वह 100 रुपये दे सकते हैं, जिसका जवाब राजभर ने कड़वे लहजे में दिया कि वह अपने 100 रुपये अपने पास रखें।
क्या है पूरा माजरा?
दरअसल, गाजीपुर में बुधवार को पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्यालय में एक सुभासपा कार्यकर्ता के साथ हंगामा हो गया। कार्यकर्ता एक ज्ञापन सौंपने पहुंचा था, लेकिन बहस के दौरान उसने कथित तौर पर एक महिला सिपाही को धक्का दे दिया। इससे गुस्साई सिपाही ने कार्यकर्ता पर थप्पड़ों की बरसात कर दी और गालियों की झड़ी लगा दी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया, जिसमें कार्यकर्ता को घेरकर पीटते हुए साफ देखा जा सकता है। गाजीपुर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। सुभासपा ने इसे पुलिसिया ज्यादती करार देते हुए कार्यकर्ता का नाम गोपनीय रखा है।
अखिलेश का तंज और राजभर का पुराना वीडियो
अखिलेश यादव ने इस घटना को लोकतंत्र की नब्ज पर चोट बताते हुए तंज भरा ट्वीट किया। उनके साझा किए वीडियो में ओमप्रकाश राजभर कहते दिख रहे हैं, “थाने जाओ तो इस पीले गमछे में पुलिस को ओमप्रकाश राजभर नजर आएगा।” अखिलेश ने इसे मौके पर भुनाते हुए लिखा, “लोकतंत्र में सिर्फ़ न्याय की पावर होती है।” इस पोस्ट ने सपा और सुभासपा के बीच की सियासी खटास को और गहरा कर दिया है।
सियासी पृष्ठभूमि और तल्खी की जड़
अखिलेश और राजभर के बीच बढ़ती तल्खी की वजह 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा-सुभासपा गठबंधन का टूटना और राजभर का बीजेपी खेमे में जाना है। हाल ही में राजभर ने सपा सरकार पर पिछड़ों के हक छीनने का आरोप लगाया था, जिसके बाद यह ताजा घटनाक्रम यूपी की सियासत में नया रंग भर रहा है। यह विवाद अब सियासी दलों के बीच तीखी बयानबाजी का सबब बन सकता है।