दीपांकर भट्टाचार्य ने साफ कर दिया कि उनकी पार्टी, भाकपा (माले) लिबरेशन, इस बार 243 सीटों में से कम से कम 40 पर अपने उम्मीदवार उतारना चाहती है। पिछले 2020 के चुनाव में उनकी पार्टी ने 19 सीटों पर दम दिखाया था। ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में भट्टाचार्य ने यह बात जोर देकर कही। कांग्रेस की बढ़ी मांग पर भट्टाचार्य का तीखा जवाब
कांग्रेस द्वारा 70 सीटों की मांग पर भट्टाचार्य ने तंज कसते हुए कहा, “कांग्रेस ने 2020 में 70 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन केवल 19 पर जीत हासिल की। 2015 में 40 सीटों पर लड़े और 27 जीते, तब उनका स्ट्राइक रेट शानदार था। पिछले चुनाव में वे अपनी क्षमता से ज्यादा का बोझ उठा बैठे। संतुलन जरूरी है।” “RJD और कांग्रेस को दिखानी होगी दरियादिली”
भट्टाचार्य ने जोर देकर कहा कि 2020 की तुलना में इस बार RJD और कांग्रेस को कम सीटों पर समझौता करना पड़ सकता है, क्योंकि गठबंधन में नए सहयोगी शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा, “पिछली बार हमारा प्रतिनिधित्व कम था, इस बार हम उचित हिस्सेदारी चाहते हैं। RJD और कांग्रेस को उदारता दिखानी होगी।” महागठबंधन में नए मेहमान, बंटवारे की चुनौती
वर्तमान में महागठबंधन में RJD, कांग्रेस, भाकपा (माले) लिबरेशन, भाकपा, माकपा और मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) शामिल हैं। सूत्रों की मानें तो लोक जनशक्ति पार्टी (पारस गुट) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) भी गठबंधन का हिस्सा बन सकते हैं। भट्टाचार्य ने बताया कि उनकी पार्टी ने 40 सीटों की सूची गठबंधन को सौंप दी है और बातचीत का दौर जारी है। अब देखना यह है कि इस सियासी शतरंज में कौन कितनी सीटों पर चाल चल पाता है।