Mumbai-Ahmedabad Bullet TrainMumbai-Ahmedabad Bullet Train: भारत की बहुप्रतीक्षित मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल परियोजना ने एक और मील का पत्थर छू लिया है। शिलफाटा से घनसोली तक 4.9 किलोमीटर लंबा टनल खंड अब पूरी तरह तैयार है, जिसे अत्याधुनिक कंट्रोल ब्लास्टिंग तकनीक से जोड़ा गया। यह टनल 21 किलोमीटर लंबे समुद्र के नीचे बनने वाले बोगदे का हिस्सा है, जिसमें से 7 किलोमीटर ठाणे खाड़ी के तल में होगा। NATM (New Austrian Tunneling Method) से निर्मित इस टनल की प्रगति को रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने ऐतिहासिक करार देते हुए निर्माण स्थल पर इसका जायजा लिया।
महाराष्ट्र में रुकावटों के बाद अब रफ्तार
इस परियोजना को शुरूआती दौर में कई अड़चनों का सामना करना पड़ा। महाराष्ट्र की पूर्व ठाकरे सरकार के कार्यकाल में अनुमतियों में देरी के कारण करीब ढाई साल का समय खो गया, जिससे लागत भी बढ़ी। लेकिन अब केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से प्रोजेक्ट ने गति पकड़ ली है। 320 किलोमीटर का ब्रिज खंड पूरा हो चुका है, नदियों पर पुलों का निर्माण तेजी से चल रहा है, और गार्डर लॉन्चिंग के लिए विशाल मशीनरी तैयार की गई है। गर्व की बात यह है कि भारत अब इस तकनीक को विदेशों में निर्यात भी कर रहा है।
बुलेट ट्रेन का संचालन और किराया
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन का संचालन अत्याधुनिक और यात्री-सुलभ होगा। व्यस्त समय में हर आधे घंटे में ट्रेन उपलब्ध होगी, और यात्रियों को पहले से आरक्षण की जरूरत नहीं होगी—टिकट लेकर सीधे सफर शुरू किया जा सकेगा। इस ट्रेन के 2027 में शुरू होने की उम्मीद है, जबकि ठाणे तक इसका विस्तार 2028 तक और मुंबई तक पूरी लाइन 2029 तक चालू हो सकती है। यह ट्रेन मॉडल क्लास के लिए डिज़ाइन की गई है, और इसका किराया किफायती रखा जाएगा। गूगल मैप के अनुसार, अभी 9 घंटे का यह सफर बुलेट ट्रेन के बाद महज 2 घंटे में पूरा हो जाएगा।
सुरक्षा और भविष्य की योजनाएं
निर्माण के दौरान ब्लास्टिंग से आसपास के घरों में दरारें आने की शिकायतों पर मंत्रालय ने सतर्कता बरतने का भरोसा दिया है। इसके लिए एक विस्तृत दस्तावेज तैयार किया जा रहा है, जिसमें ट्रैक के आसपास बस्तियों की सुरक्षा के लिए सुझाव होंगे। यह दस्तावेज महाराष्ट्र और गुजरात सरकार को सौंपा जाएगा। लोकोपायलट्स को जापान में प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि विश्वस्तरीय संचालन सुनिश्चित हो। रेलमंत्री ने यह भी बताया कि मुंबई लोकल ट्रेनों की क्षमता बढ़ाने के लिए 238 नई जनरेशन ट्रेनों का टेंडर जारी किया गया है, जिनमें बंद दरवाजों की सुविधा होगी ताकि यात्रियों की सुरक्षा को और मजबूती मिले।