विदेश मंत्रालय ने नाटो प्रमुख मार्क रुटे के विवादित बयान को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि मोदी और पुतिन के बीच यूक्रेन को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने H-1B वीजा, रूसी सेना में भारतीयों की मौजूदगी, क्वाड, ईयू की ऊर्जा नीति और पड़ोसी देशों के मुद्दों पर भी विस्तृत जवाब दिए। मंत्रालय ने पाकिस्तान पर सार्क बाधित करने का आरोप लगाया और कश्मीर पर भारत का रुख दोहराया।
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को साप्ताहिक ब्रीफिंग में कई अहम मुद्दों पर स्पष्ट और सख्त बयान दिए। भारत ने शुक्रवार को पश्चिमी सैन्य गठबंधन नाटो के महासचिव मार्क रुटे के उस बयान को सख्ती से खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि अमेरिका द्वारा लगाए गए शुल्कों के चलते भारत ने रूस से यूक्रेन युद्ध की रणनीति स्पष्ट करने को कहा। विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी कर इस दावे को “तथ्यहीन और पूरी तरह से आधारहीन” बताया।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि नाटो महासचिव मार्क रुटे द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच कथित बातचीत का जो दावा किया गया है, वह तथ्यात्मक रूप से गलत और आधारहीन है। प्रधानमंत्री मोदी ने कभी भी इस तरह की बातचीत नहीं की। ऐसी कोई वार्ता हुई ही नहीं। मंत्रालय ने नाटो प्रमुख को भविष्य में ऐसे बयानों से पहले सावधानी बरतने की सलाह भी दी।