महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों के बीच धुले जिले की दोंडाईचा नगर परिषद में भाजपा ने अभूतपूर्व जीत दर्ज की है। यहां नगराध्यक्ष से लेकर सभी 26 सीटों पर बीजेपी उम्मीदवार बिना किसी मुकाबले के निर्विरोध चुने गए हैं। इसका मतलब है कि अब दोंडाईचा में मतदान की आवश्यकता ही नहीं रह गई है। राज्य के विपणन मंत्री जयकुमार रावल की मां नयन कुमार रावल को भी औपचारिक रूप से नगराध्यक्ष पद पर विजेता घोषित कर दिया गया है।
दोंडाईचा के साथ ही सोलापुर की अनगर नगर पंचायत और जलगांव की जामनेर नगर परिषद में भी भाजपा के नगराध्यक्ष निर्विरोध चुने गए हैं। जामनेर में मंत्री गिरीश महाजन की पत्नी साधना महाजन भी बिना विरोध के चुनाव जीत गईं।
महाराष्ट्र में इस समय 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों में चुनाव प्रक्रिया जारी है। इनमें धुले की दोंडाईचा नगर परिषद खास चर्चा में रही, क्योंकि यहां रावल परिवार का गहरा प्रभाव माना जाता है। लगभग 1.5 लाख की आबादी वाले इस क्षेत्र की 26 सीटें राजनीतिक रूप से खास मायने रखती हैं।
नामांकन पत्रों की जांच के दौरान नयन कुमार रावल का नामांकन वैध पाया गया, जबकि महाविकास आघाड़ी (MVA) की उम्मीदवार शरयू भावसार के नामांकन को चुनौती दी गई। भाजपा ने आरोप लगाया कि शरयू के पिता पर हाउस टैक्स बकाया है, जो नामांकन अयोग्यता का आधार है। आपत्ति के बाद उनका नामांकन रद्द कर दिया गया। शरयू भावसार के परिवार ने धुले जिला न्यायालय में अपील की है, जिसकी सुनवाई जल्द होने की उम्मीद है।
इधर भाजपा की ओर से सभी 26 सीटों पर उम्मीदवार उतारे गए थे। मंत्री जयकुमार रावल के परिवार का प्रभाव सात महत्वपूर्ण सीटों, जिसमें नगराध्यक्ष पद भी शामिल है, पर स्पष्ट रूप से दिखा। एमवीए ने भी प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन अंतिम समय में सभी ने अपने नामांकन वापस ले लिए, जिसके बाद बीजेपी के सभी उम्मीदवार निर्विरोध विजयी घोषित कर दिए गए।