मुंबई: बीएमसी चुनाव 2025 के लिए मुंबई का राजनीतिक माहौल गर्म है, और इसी बीच हिंदी भाषी युवाओं में चुनावी अखाड़े में उतरने का जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। पिछले कई वर्षों से ये युवा जमीनी स्तर पर सक्रिय रहे हैं—कभी मेडिकल कैंप आयोजित किए, कभी सफाई अभियान चलाया, तो कभी ज़रूरतमंदों को नौकरी या इलाज दिलाने में मदद की। जनसेवा की इसी निरंतरता ने इन्हें स्थानीय निकाय चुनावों में दावेदारी का आत्मविश्वास दिया है।
हिंदी भाषी युवा उम्मीदवारों की खासियत यह भी है कि अधिकांश उच्च शिक्षित हैं—कुछ पीएचडी होल्डर हैं, कुछ मैनेजमेंट ग्रेजुएट, और कई सफल व्यवसायी भी हैं। मुंबई की राजनीति में हिंदी भाषियों की हिस्सेदारी बड़ी है, लगभग 50% से अधिक मतदाता इसी वर्ग से आते हैं। इसके बावजूद राजनीतिक दल उम्मीदवारी में उनकी संख्या अनुपातिक रूप से नहीं बढ़ा पाए हैं।
अब एक नई पीढ़ी सामने आई है जो बीएमसी चुनाव में अपनी जगह बनाने को तैयार है। बीजेपी, कांग्रेस, शिंदे सेना, एनसीपी और अन्य दलों में हिंदी भाषी युवाओं की सक्रियता बढ़ी है। कमलेश यादव, विनोद मिश्र, पंकज यादव, सागर सिंह ठाकुर जैसे नाम पहले ही अपना प्रभाव छोड़ चुके हैं।
बीजेपी के नितेश राजहंस सिंह—पीएचडी धारक और सफल व्यवसायी—चुनाव के लिए मजबूत दावेदारी रखते हैं। मालाड वेस्ट के तेजिंदरसिंह तिवाना और धारावी के दीपक सिंह भी पार्टी के युवा सेल में सक्रिय हैं। अंधेरी पूर्व के जयनारायण तिवारी अपनी सामाजिक सेवाओं के चलते ज़ोरदार तैयारी कर रहे हैं।
इसके अलावा शुभ्रांशु दिक्षित (चांदीवली), अमित सिंह (दहिसर पूर्व), देवेंद्र विद्यार्थी सिंह (बोरीवली), राहुल सिंह (मालाड), अजय सिंह (वाकोला) और उदयप्रताप सिंह (दादर-माटुंगा) भी दावेदारी को तैयार बैठे हैं।
शिंदे सेना के रितेश कमलेश राय (मारोल) और राम यादव (दहिसर) चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। एनसीपी (अजित पवार गुट) से सुरेंद्र सिंह उर्फ झींटू चांदीवली से चुनाव लड़ने को इच्छुक हैं।
कांग्रेस की हालत चाहे कमजोर कही जाए, लेकिन हिंदी भाषी कांग्रेसियों का उत्साह बरकरार है—वर्सोवा के अवनीश सिंह, कांदिवली पश्चिम के दीपक यादव, अंधेरी के अखिलेश यादव और दहिसर पूर्व के अभय चौबे चुनावी दंगल में उतरने को तैयार हैं।
दक्षिण मुंबई के सीपी टैंक से युवा उद्योगपति पृथ्वी जैन बड़ी संख्या में लोगों को जोड़कर बीजेपी को कड़ी चुनौती देने की तैयारी में हैं। उद्धव सेना के प्रवक्ता आनंद दुबे भी चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुके हैं।
मुंबई के बीएमसी चुनाव 2025 में हिंदी भाषी युवा न सिर्फ उत्साह बल्कि अपनी काबिलियत, शिक्षा और सामाजिक कामों के दम पर मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं। इस चुनाव में इनका उभरना मुंबई की राजनीति का नया अध्याय साबित हो सकता है।