ग्रेटर नोएडा। गौतमबुद्ध नगर में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया को लेकर डीएम मेधा रूपम पूरी तरह सक्रिय और कड़े रुख में दिखाई दे रही हैं। जिले में चुनावी तैयारियों की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने लापरवाही बरतने वाले 67 बीएलओ और सुपरवाइजरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। प्रशासनिक गलती पर इतनी बड़ी कार्रवाई इससे पहले कभी नहीं की गई, इसी वजह से SIR कार्य में लगे सभी कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
कुछ दिनों पहले हुई समीक्षा बैठक में डीएम ने स्पष्ट चेतावनी दी थी कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके बावजूद कई कर्मचारियों ने सुधार नहीं दिखाया, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है।
दादरी विधानसभा क्षेत्र–62 में 32 बीएलओ और एक सुपरवाइजर के खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 32 के तहत ईकोटेक ग्रेटर नोएडा थाने में FIR दर्ज कराई गई। वहीं, विधानसभा क्षेत्र–61 नोएडा में 11 बीएलओ और 6 सुपरवाइजर पर थाने दादरी में मामला दर्ज हुआ। इसके साथ ही 63-जेवर विधानसभा में 17 बीएलओ के खिलाफ थाना जेवर में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
डीएम मेधा रूपम 2014 बैच की IAS अधिकारी हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भरोसेमंद अधिकारियों में गिनी जाती हैं। वह पहले ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अतिरिक्त सीईओ भी रह चुकी हैं। दिलचस्प बात यह है कि उनके पिता ज्ञानेश कुमार इस समय देश के मुख्य चुनाव आयुक्त हैं। मेधा रूपम का बैकग्राउंड भी बेहद प्रेरणादायक रहा है—अपने करियर की शुरुआत उन्होंने शूटिंग खिलाड़ी के रूप में की थी और केरल स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में तीन गोल्ड मेडल जीते थे। उनकी शादी भी IAS अधिकारी मनीष बंसल से हुई है।