Report By : ICN Network
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने पुलिस रेडियो ऑपरेटर की भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर दिया है। 936 पदों के लिए 80 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने पुलिस रेडियो ऑपरेटर की भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर दिया। न्यायमूर्ति आलोक माथुर की एकल पीठ ने यह निर्णय रवि शुक्ला की याचिका पर सुनाया। अदालत ने कहा कि पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड को भर्ती प्रक्रिया में आर्हता मानकों में बदलाव करने का अधिकार नहीं है। यह अधिकार केवल शासन स्तर पर ही लागू किया जा सकता है।
यह मामला 2022 में पुलिस रेडियो ऑपरेटर के 936 पदों की भर्ती से जुड़ा है। भर्ती विज्ञापन में आवेदन के लिए डिप्लोमा अर्हता मांगी गई थी। हालांकि, तत्कालीन चेयरमैन रेणुका मिश्रा ने एक प्रस्ताव पास करते हुए डिग्री धारकों को भी आवेदन के लिए योग्य घोषित कर दिया। इसके तहत लगभग 80,000 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया और 40,000 ने परीक्षा दी।
बाद में, मौजूदा चेयरमैन राजीव कृष्णा ने इस प्रस्ताव को निरस्त कर दिया, जिससे डिग्री धारकों ने उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में याचिका दाखिल की। भर्ती बोर्ड ने मामला न्यायालय में लंबित होने के कारण परीक्षा का परिणाम घोषित नहीं किया।
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि भर्ती बोर्ड द्वारा आर्हता मानकों में बदलाव नियमों के विरुद्ध है। इसी आधार पर पूरी भर्ती प्रक्रिया को खारिज कर दिया गया। अदालत के फैसले के बाद अब भर्ती बोर्ड को नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू करनी होगी।
पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के चेयरमैन राजीव कृष्णा ने कहा कि भर्ती परीक्षा का परिणाम अदालत के आदेशानुसार ही घोषित किया जाएगा। न्यायालय के निर्देशों के आधार पर आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी