• Mon. Jan 20th, 2025

संपत्ति ट्रांसफर के लिए केवल रजिस्टर्ड सेल डीड मान्य: सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

Report By : ICN Network
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि संपत्ति का मालिकाना हक तभी ट्रांसफर होगा जब बिक्री विलेख का पंजीकरण हो। कब्जा या भुगतान से मालिकाना हक ट्रांसफर नहीं होता। 100 रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति का वैध विक्रय केवल पंजीकृत दस्तावेज से ही मान्य है

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में स्पष्ट किया कि किसी भी अचल संपत्ति का मालिकाना हक केवल तभी ट्रांसफर होता है, जब उसकी बिक्री विलेख (सेल डीड) का विधिवत पंजीकरण हो। जस्टिस बीवी नागरत्ना की अगुआई वाली बेंच ने 1882 के ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट की धारा 54 का हवाला देते हुए कहा कि 100 रुपये या उससे अधिक मूल्य की अचल संपत्ति का विक्रय वैध तभी माना जाएगा, जब इसे रजिस्टर्ड दस्तावेज के माध्यम से किया जाए। सिर्फ संपत्ति का कब्जा लेने या भुगतान करने से मालिकाना हक ट्रांसफर नहीं होता

यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट ने एक नीलामी खरीदार के पक्ष में की। एक अन्य व्यक्ति ने संपत्ति के एक हिस्से पर कब्जे का दावा करते हुए आपत्ति दर्ज कराई थी, जो बिना रजिस्टर्ड ‘एग्रीमेंट टू सेल’ और सामान्य पावर ऑफ अटॉर्नी पर आधारित थी। अदालत ने इस आपत्ति को खारिज कर दिया

यह निर्णय उन मामलों में महत्वपूर्ण नजीर बनेगा, जहां संपत्ति डीलर या बिचौलिए पावर ऑफ अटॉर्नी और विल के जरिए संपत्ति के लेन-देन की कोशिश करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि संपत्ति ट्रांसफर का अधिकार केवल विधिवत पंजीकृत दस्तावेज के माध्यम से ही संभव है

इसके अतिरिक्त, मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित एक कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस सूर्यकांत की अगुआई वाली बेंच ने इस मामले में 4 फरवरी की अगली सुनवाई तय की। कोर्ट ने कहा कि यह मामला अदालत की राय और विधायिका की कानून बनाने की शक्ति के बीच संतुलन का है

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *