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अमिताभ बच्चन और प्रभास स्टारर कल्कि हुई रिलीज, फिल्म का सेकंड हाफ रोचक, क्रिटिक्स ने 5 में से 3.5 स्टार दिए

Report By : Ankit Srivastav, ICN Network

अमिताभ बच्चन, प्रभास, कमल हासन और दीपिका पादुकोण स्टारर फिल्म कल्कि 2898 AD रिलीज हो गई है। साइंस फिक्शन माइथोड्रामा इस फिल्म की लेंथ 3 घंटे है। क्रिटिक्स ने फिल्म को 5 में से 3.5 स्टार रेटिंग दी है।

फिल्म की शुरुआत महाभारत के बैकड्रॉप से होती है। युद्ध के मैदान में श्रीकृष्ण, अश्वत्थामा (अमिताभ बच्चन) को कभी न मरने का श्राप देते हैं। हालांकि, इस श्राप के साथ वो अश्वत्थामा को प्रायश्चित करने का एक मौका भी देते हैं।श्रीकृष्ण, अश्वत्थामा से कहते हैं कि हजारों साल बाद जब दुनिया के हर कोने में सिर्फ बुराई होगी, जब लोगों पर अत्याचार बढ़ने लगेगा, तब भगवान के एक अवतार कल्कि का जन्म होगा। हालांकि, उनका जन्म आसान नहीं होगा। वो धरती पर न आएं इसके लिए आसुरी शक्तियां पूरा जोर लगाएंगी। इस स्थिति में अश्वत्थामा को भगवान की सुरक्षा कर अपने पाप धोने का अवसर मिलेगा।

अब यहां से कहानी 6 हजार साल बाद आगे बढ़कर दुनिया के आखिरी शहर काशी की तरफ पहुंचती है। इसी शहर के अंदर ‘कॉम्प्लेक्स’ नाम का एक अलग एम्पायर है। इसका शासक सुप्रीम यास्किन (कमल हासन) अपने आप को सर्वशक्तिमान बनाने के लिए एक अलग तरह का एक्सपेरिमेंट करता है।

वो इसके लिए लड़कियों की कोख से निकलने वाले सीरम को अपने अंदर इंजेक्ट करता है। इसके जरिए वो अपने लैब में कई लड़कियों की जिंदगी खराब कर चुका है। काफी एक्सपेरिमेंट के बाद उसकी लैब से एक लड़की सुमति (दीपिका पादुकोण) प्रेग्नेंट हो जाती है।

सुमति के प्रेग्नेंट होते ही दूर बैठे अश्वत्थामा को एहसास हो जाता है कि भगवान अब उसी बच्चे के रूप में दुनिया में कदम रखने वाले हैं। सुमति वहां से भाग जाती है, रास्ते में उसकी सुरक्षा के लिए अश्वत्थामा मिलते हैं।

दूसरी तरफ भैरवा (प्रभास) एक मस्तमौला पैसे का लालची इंसान कैसे भी करके यास्किन के कॉम्प्लेक्स में घुसने की सोचता है। इसके लिए वो कॉम्प्लेक्स के बुरे लोगों को इम्प्रेस करने में लगा रहता है। वो कॉम्प्लेक्स के लोगों को यकीन दिलाता है कि वो सुमति को खोज लाएगा।

सुमति के लिए फिर भैरवा और अश्वत्थामा में भीषण लड़ाई होती है। हालांकि बीच में कुछ ऐसा होता है कि भैरवा और अश्वत्थामा साथ मिलकर सुमति की सुरक्षा के लिए लड़ने लगते हैं। क्या भैरवा और अश्वत्थामा के बीच कोई संबंध है।

नाग अश्विन ने फिल्म का डायरेक्शन किया है। फर्स्ट हाफ में फिल्म बोरिंग है। बहुत सारे सीन्स खींचे हुए लग सकते हैं। गानों की प्लेसिंग भी ठीक नहीं है। स्क्रीनप्ले काफी ढीला दिखता है, समझ नहीं आता है कि कड़ियों को कहां से कहां जोड़ा जा रहा है। फिल्म को आराम से आधे घंटे कम किया जा सकता था।

सेकेंड हाफ में फिल्म की असल शुरुआत होती है। स्टार्स का लार्जर दैन लाइफ स्क्रीन प्रेजेंस, हाई ऑक्टेन एक्शन सीक्वेंस, VFX और 3D एक्सपीरिएंस कमाल है। प्रभास और अमिताभ बच्चन के बीच एक्शन सीक्वेंस बेहतरीन दिखाई दिए हैं।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

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