
सूत्रों के अनुसार, संगठन चुनाव में हो रही देरी से भाजपा नेतृत्व नाराज है। इसी कारण कैबिनेट विस्तार को प्राथमिकता दी जा रही है। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े की मौजूदगी में 98 में से 70 जिलों में जिलाध्यक्षों के नाम तय किए जा चुके हैं। तावड़े ने लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई वरिष्ठ मंत्रियों से मुलाकात कर संगठन विस्तार पर चर्चा की। कैबिनेट विस्तार के पीछे की रणनीति इस विस्तार का मुख्य उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी को मजबूत करना है। पार्टी नए चेहरों को शामिल कर युवा और ऊर्जावान छवि पेश करना चाहती है। संगठन चुनाव की प्रक्रिया पूरी होते ही कैबिनेट विस्तार की तारीख तय होगी। भाजपा नेतृत्व इस बार क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों का विशेष ध्यान रखने जा रहा है। कैबिनेट विस्तार के बाद पार्टी पूरी तरह 2027 के चुनावी अभियान में जुट जाएगी। नए मंत्रियों को अहम जिम्मेदारियां दी जाएंगी और जमीनी स्तर पर संगठन को और मजबूत करने पर फोकस रहेगा।