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पं. चंद्रबली एंड संस फर्म के औद्योगिक प्रतिष्ठानों और आवास सहित करीब 26 स्थानों पर बुधवार सुबह आयकर विभाग की टीम ने छापेमारी की थी। यह कार्रवाई सुबह से ही जारी रही। अधिकारियों ने अलमारियों और तिजोरियों के ताले खुलवाकर दस्तावेजों की गहन जांच की। सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग की टीम ने कार्रवाई के दौरान दस्तावेज तो खंगाले ही, साथ ही कारोबारी के आवास की कई अलमारियों व तिजोरियों के लॉक खुलवाकर भी कागजात देखे। वहीं जिनकी चाबी नहीं मिली, उनका लॉक तुड़वाया गया। इसके अलावा आसपास के लोगों में चर्चा रही कि रात में मकान के अंदर ड्रिल मशीन चलने और छेनी हथौड़े से कुछ तोड़ने की आवाजें भी आ रहीं थीं। टीम में शामिल अधिकारी तिर्वा क्रॉसिंग और आसपास के इलाकों से ताला-चाबी बनाने वाले को लेकर भी आवास पहुंचे थे। फर्म का स्वामित्व परिवार के सदस्यों के बीच विभाजित हो चुका है। पं. चंद्रबली एंड संस फर्म अब दीक्षित परिवार के सदस्यों के बीच विभाजित हो चुकी है, और सभी अलग-अलग व्यवसायों से जुड़े हैं। हालांकि, इनका मूल कारोबार अब भी इत्र और कंपाउंड निर्माण से जुड़ा हुआ है। बताया जा रहा है कि एसएनके पान-मसाला में इस्तेमाल होने वाला इत्र कंपाउंड परिवार के सबसे बड़े बेटे, सुबोध दीक्षित के पास है। चर्चा है कि जब कानपुर में इस पान-मसाला कारोबार पर छापेमारी हुई, तो इससे जुड़े कई व्यापारियों के नाम सामने आए। इसी के चलते यह फर्म भी आयकर विभाग की जांच के दायरे में आ गई। जांच के तहत सुबोध दीक्षित के साथ-साथ अतुल, मनोज, विपिन, राम और श्याम दीक्षित की फर्मों पर भी छापेमारी कर जांच शुरू कर दी गई है।