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छह साल की देरी के बाद डीडीए मुख्यालय को मिली फायर एनओसी, लेकिन शर्तों के साथ बढ़ी ज़िम्मेदारियां

Report By : ICN Network

नई दिल्ली: लंबे इंतज़ार और कई बार की अस्वीकृति के बाद आखिरकार दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के आईएनए स्थित मुख्यालय को फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट (FSC) जारी कर दिया गया है। यह मंजूरी अग्निशमन विभाग द्वारा 7 जुलाई को दी गई, जो आगामी तीन वर्षों तक वैध रहेगी। हालांकि यह एनओसी पूरी तरह से सशर्त है और इसकी वैधता उन निर्देशों के अनुपालन पर निर्भर करती है जिन्हें अग्निशमन विभाग ने स्पष्ट रूप से निर्धारित किया है।

प्रमाणपत्र जारी करते हुए विभाग ने डीडीए को तीन महीने की अवधि दी है, जिसमें उसे बेसमेंट में मौजूद सभी अवैध संरचनाओं और अतिक्रमणों को हटाना अनिवार्य होगा। ऐसा न करने की स्थिति में यह प्रमाणपत्र रद्द किया जा सकता है। यह अनुमति विकास सदन परिसर के ए, बी और डी ब्लॉकों के लिए दी गई है, जिनमें ग्राउंड फ्लोर सहित तीन मंजिलें शामिल हैं। बी ब्लॉक का एक हिस्सा सात मंजिलों तक फैला हुआ है। इस परिसर का एक साझा बेसमेंट भी है जो फिलहाल विभाग के लिए चिंता का बड़ा कारण बना हुआ है।

2018 से लगातार अग्निशमन विभाग ने इस इमारत को फायर एनओसी देने से इनकार किया था। समय-समय पर हुए निरीक्षणों में विभाग ने कई गंभीर खामियों की ओर इशारा किया था, जैसे बेसमेंट में अवैध निर्माण, खुले हुए विद्युत तार, अग्नि द्वारों की अपूर्ण स्थिति, खराब फायर अलार्म प्रणाली और लिफ्ट के वेंटिलेशन सिस्टम में गड़बड़ियां। हाल ही में 2 जुलाई को किए गए निरीक्षण में सुधार देखने को मिला, जिसके आधार पर सशर्त रूप से प्रमाणपत्र जारी किया गया।

प्रमाणपत्र में उल्लेख किया गया है कि यह एनओसी व्यावसायिक श्रेणी के अंतर्गत नियम 36 के तहत दी गई है, लेकिन इसकी वैधता कुल सात निर्धारित शर्तों पर आधारित होगी। इन शर्तों में मुख्य रूप से भवन के सभी प्रवेश और निकास मार्गों को अवरोध रहित बनाए रखना, सभी अग्नि सुरक्षा उपकरणों को कार्यशील रखना और संबंधित कर्मचारियों को सुरक्षा संबंधी प्रशिक्षण देना शामिल है।

अग्निशमन विभाग ने भवन की सुरक्षा का मूल्यांकन 20 मानकों पर किया, जिसमें निकासी व्यवस्था, अग्निशमन यंत्र, होज़ रील, ऑटोमैटिक अलार्म सिस्टम, स्प्रिंकलर नेटवर्क, जल संग्रहण क्षमता, हाइड्रेंट सिस्टम और लिफ्ट की सुरक्षा जैसी व्यवस्थाएं शामिल थीं।

डीडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि प्रमाणपत्र मिलने के बाद शेष कमियों को शीघ्र दूर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रवेश और निकास मार्गों की समस्या को प्राथमिकता दी जा रही है और जल्द ही अनुपालन रिपोर्ट विभाग को सौंपी जाएगी। हालांकि फायर एनओसी का मिलना डीडीए के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन इसे बनाए रखना अब संस्था के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है। छह साल की अस्वीकृति के बाद मिली यह सशर्त मंजूरी यह दर्शाती है कि सरकारी भवनों में भी सुरक्षा मानकों की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

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