“मेरे पैरेंट्स ने बहुत कुछ किया है। आई एम सॉरी, मैं उन्हें कुछ नहीं दे पाया। सॉरी भैया, मैं बद्तमीज था। सॉरी मम्मी, आपका दिल कई बार तोड़ा। अब आखिरी बार दिल दुखाऊंगा।” छात्र के पिता का कहना है कि बेटा कई महीनों से स्कूल में हो रही परेशानियों से जूझ रहा था। उन्होंने कई बार स्कूल से संपर्क किया, लेकिन किसी तरह का सुधार नहीं हुआ। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है, और पुलिस शिक्षक, स्कूल प्रशासन, दोस्तों और परिवार से पूछताछ कर पूरी सच्चाई जानने की कोशिश कर रही है। दोस्तों के मुताबिक, वह हमेशा खुश रहने वाला, मस्त-मिजाज लड़का था। जबकि चाचा का दावा है कि उसे स्कूल में मानसिक रूप से परेशान किया जाता था—
“प्ले की प्रैक्टिस के दौरान उसका पैर फिसल गया था, तब उसे बहुत डांटा गया। कुछ दिन पहले उसे धक्का भी दिया गया था। यह आत्महत्या नहीं, हत्या है।” बुधवार सुबह घटना की जानकारी फैलते ही बड़ी संख्या में अभिभावक स्कूल के बाहर इकट्ठा हो गए और ‘We Want Justice’ लिखे पोस्टर लेकर विरोध करने लगे। कई ऐसे लोग भी पहुंचे जिनके बच्चे इस स्कूल में नहीं पढ़ते, लेकिन सोशल मीडिया पर खबर देखकर वे समर्थन में आ गए। एक पैरेंट ने आरोप लगाया—
“हमने भी कई बार कहा कि हमारा बच्चा स्कूल में परेशान होता है, लेकिन टीचर्स सुनवाई नहीं करतीं।” मौके पर पहुंची पुलिस ने बताया कि नई दिल्ली इलाके में BNSS 163 लागू है, इसलिए यहां धरना-प्रदर्शन की अनुमति नहीं है। इसके बाद भीड़ को हटाया गया। पुलिस सुसाइड नोट और बयान के आधार पर शिक्षकों व प्रशासन से पूछताछ कर रही है। छात्र के माता-पिता इस समय महाराष्ट्र में अपने गृह जिले गए हुए हैं। पुलिस उनके लौटने के बाद विस्तृत बयान दर्ज करेगी। फिलहाल पूरी टीम इस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है।

