शिक्षा मंत्री सूद ने इस दौरान यह भी कहा कि बीते कुछ वर्षों में यह धारणा बन गई है कि सरकारी स्कूल, निजी स्कूलों से किसी स्तर पर कम हैं। उन्होंने इस सोच को गलत बताते हुए कहा कि “चालीस साल पहले दिल्ली के सरकारी स्कूलों से डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस, कलाकार और वैज्ञानिक निकलते थे। आज भी ये स्कूल उतने ही सक्षम हैं, बस लोगों की मानसिकता में बदलाव लाने की जरूरत है।” उन्होंने आगे बताया कि दिल्ली सरकार आने वाले पांच वर्षों में सरकारी स्कूलों में तकनीकी संसाधनों का बड़ा विस्तार करेगी। स्मार्ट क्लासरूम, एआई आधारित शिक्षा तकनीक और उन्नत कंप्यूटर लैब जैसी सुविधाएं हर स्कूल में उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसका उद्देश्य छात्रों को न केवल वर्तमान शिक्षा प्रणाली से जोड़े रखना है, बल्कि उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए भी तैयार करना है। मंत्री ने यह भी कहा कि बच्चों के समग्र विकास के लिए सरकार कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है, जिससे अभिभावकों को आर्थिक बोझ से राहत मिलती है और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलती है।

शिक्षा मंत्री सूद ने इस दौरान यह भी कहा कि बीते कुछ वर्षों में यह धारणा बन गई है कि सरकारी स्कूल, निजी स्कूलों से किसी स्तर पर कम हैं। उन्होंने इस सोच को गलत बताते हुए कहा कि “चालीस साल पहले दिल्ली के सरकारी स्कूलों से डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस, कलाकार और वैज्ञानिक निकलते थे। आज भी ये स्कूल उतने ही सक्षम हैं, बस लोगों की मानसिकता में बदलाव लाने की जरूरत है।” उन्होंने आगे बताया कि दिल्ली सरकार आने वाले पांच वर्षों में सरकारी स्कूलों में तकनीकी संसाधनों का बड़ा विस्तार करेगी। स्मार्ट क्लासरूम, एआई आधारित शिक्षा तकनीक और उन्नत कंप्यूटर लैब जैसी सुविधाएं हर स्कूल में उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसका उद्देश्य छात्रों को न केवल वर्तमान शिक्षा प्रणाली से जोड़े रखना है, बल्कि उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए भी तैयार करना है। मंत्री ने यह भी कहा कि बच्चों के समग्र विकास के लिए सरकार कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है, जिससे अभिभावकों को आर्थिक बोझ से राहत मिलती है और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलती है।