Report By : ICN Network
दिल्ली सरकार ने जल संसाधनों के दुरुपयोग और राजस्व नुकसान को रोकने के लिए एक नई व्यवस्था लागू की है। अब होटल, मॉल, बैंक्वेट हॉल, निजी अस्पताल और स्कूल जैसे वाणिज्यिक संस्थानों को उनके जल उपयोग के आधार पर नहीं, बल्कि उनके सीवरेज बहाव की मात्रा के अनुसार बिल देना होगा।
सरकार के अनुसार, कई वाणिज्यिक इकाइयाँ बिना वैध जल कनेक्शन या बंद मीटरों के माध्यम से बड़ी मात्रा में पानी का उपयोग कर रही थीं, जिससे हर साल सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हो रहा था। इन संस्थानों द्वारा निकाले गए सीवेज का विश्लेषण कर यह तय किया जाएगा कि उन्होंने कितना पानी उपयोग किया है, और उसी आधार पर उनका जल बिल तैयार होगा।
यह नई प्रणाली केवल व्यावसायिक उपयोगकर्ताओं पर लागू होगी। घरेलू उपभोक्ताओं, झुग्गी-झोपड़ी वासियों और कम आय वर्ग के लोगों को इससे छूट दी गई है। इस नीति का उद्देश्य है कि जल संसाधनों का पारदर्शी और न्यायसंगत उपयोग सुनिश्चित किया जा सके और साथ ही दुरुपयोग पर नियंत्रण रखा जा सके।