Report By : ICN Network
दिल्ली में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ सरकार की बुलडोज़र कार्रवाई तेज हो गई है। कई इलाकों जैसे ओखला, जामिया नगर, जंगपुरा और अन्य जगहों पर अवैध रूप से बने झुग्गी-झोपड़ी के निवासों को तोड़ने का काम चल रहा है। इस प्रक्रिया में सैकड़ों अवैध मकानों को जमींदोज किया गया है, जिससे प्रभावित लोगों में भारी असंतोष और चिंता व्याप्त है। इसके विरोध में कई बार अदालतों का दरवाजा भी खटखटाया गया, लेकिन प्रशासन ने अपना अभियान जारी रखा।
इस पूरे घटनाक्रम के बीच, पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में केजरीवाल ने भाजपा सरकार को चेतावनी दी है कि यदि वे दिल्ली में सत्ता में आईं, तो छह महीने के अंदर सभी झुग्गी-झोपड़ी हटाकर दिल्ली को ‘साफ-सुथरा’ बनाया जाएगा। उन्होंने मुंबई के धारावी क्षेत्र का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां भी झुग्गियों को तोड़ा गया और जमीन को बड़े उद्योगपतियों को दे दिया गया।
केजरीवाल ने अपने बयान में इस बात पर जोर दिया कि इस तरह की कार्रवाई गरीब और मजबूर लोगों के हित के खिलाफ है। उनका कहना है कि सरकारों को विकास के नाम पर गरीबों को उनके आशियाने से बेदखल नहीं करना चाहिए। उन्होंने इस पूरे मुद्दे पर ध्यान दिलाते हुए कहा कि ऐसी योजनाएं सीधे तौर पर गरीब वर्ग को निशाना बनाती हैं और इससे सामाजिक असमानता बढ़ती है।
हालांकि, दिल्ली सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि अवैध अतिक्रमण और नियमों के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन का कहना है कि जो भी नियमों के खिलाफ कार्य करता है, उसके खिलाफ उचित कार्रवाई जरूरी है। लेकिन इस कार्रवाई की पृष्ठभूमि में राजनीतिक बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप भी जोर पकड़ रहे हैं।
इस पूरे मामले ने दिल्ली में रहने वाले गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों की चिंता बढ़ा दी है, जो अपने आशियाने खोने के डर से डरे हुए हैं। इसके साथ ही, यह मुद्दा राजनीतिक बहस का भी केंद्र बन गया है, जहां एक ओर सरकार की कड़ी कार्रवाई का समर्थन किया जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसका विरोध कर रहा है और इसे गरीबों के खिलाफ बताया जा रहा है।
इस तरह के विवादों के बीच, दिल्ली की झुग्गी-झोपड़ी हटाने की प्रक्रिया और उससे जुड़े सामाजिक और राजनीतिक प्रभावों पर व्यापक बहस जारी है। आने वाले समय में इस मुद्दे का राजनीतिक और कानूनी स्तर पर कैसे निपटारा होता है, यह देखना बाकी है।