• Sun. Jun 29th, 2025

धारावी मास्टर प्लान: एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी अब बदलेगी आधुनिक शहर में

Report By : ICN Network

मुंबई के केंद्र में स्थित धारावी, जो एशिया की सबसे बड़ी और घनी झुग्गी बस्तियों में गिनी जाती है, अब अपने पुराने रूप को छोड़कर एक आधुनिक, सुव्यवस्थित और स्वच्छ शहर के रूप में उभरने जा रही है। महाराष्ट्र सरकार और अदाणी समूह के संयुक्त उपक्रम द्वारा इस क्षेत्र के पुनर्विकास के लिए एक विशेष उद्देश्यीय इकाई (SPV) बनाई गई है, जो इस महत्वाकांक्षी योजना को साकार करेगी।

इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य केवल इमारतें बनाना नहीं, बल्कि यहां रहने वाले लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाना है। धारावी में अब लगभग 58,532 नई आवासीय इकाइयाँ और 13,468 व्यवसायिक और औद्योगिक इकाइयाँ बनाई जाएंगी। इन इकाइयों में पात्र निवासियों को मुफ्त में 350 वर्ग फुट का फ्लैट दिया जाएगा। जो लोग इस योजना की पात्रता में नहीं आते, उनके लिए किराये पर आवास या अन्य पुनर्विकास क्षेत्रों में स्थानांतरण की व्यवस्था की जाएगी।

परियोजना में केवल मकान ही नहीं, बल्कि धारावी को एक हरित, सांस्कृतिक और सुव्यवस्थित स्थान बनाने की दिशा में कई पहल की जाएंगी। यहां एक ग्रीन स्पाइन, वाटरफ्रंट, सेंट्रल पार्क और एक सांस्कृतिक संग्रहालय का निर्माण प्रस्तावित है। इसके अलावा, धारावी को शहर के अन्य हिस्सों से बेहतर जोड़ने के लिए पांच नए प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे और एक मल्टी-मॉडल ट्रांजिट हब की योजना है, जो मेट्रो, लोकल ट्रेन और बस सेवाओं को एक साथ जोड़कर लोगों को आने-जाने की बेहतर सुविधा देगा।

फिलहाल धारावी में 7 से 10 लाख लोग निवास करते हैं। परियोजना के पूर्ण होने के बाद अनुमानित आबादी लगभग 4.9 लाख होगी, जिसमें से 3 लाख लोग पुनर्विकसित क्षेत्रों में बसेंगे, करीब 1 लाख लोग बिक्री के लिए बनी इमारतों में रहेंगे और बाकी वे होंगे जो उन क्षेत्रों में रहेंगे जिन्हें इस परियोजना में शामिल नहीं किया गया है।

धारावी का इतिहास 19वीं सदी के अंत से जुड़ा है, जब यह क्षेत्र एक डंपिंग ग्राउंड के रूप में उभर कर सामने आया। बाद में विभिन्न समुदायों जैसे सौराष्ट्र के कुम्हार, तमिलनाडु के टैनर, उत्तर प्रदेश के कारीगर और तमिल व्यापारियों ने यहां आकर छोटे उद्योग स्थापित किए। समय के साथ यह क्षेत्र चमड़ा, पॉटरी, कपड़ा, प्लास्टिक और अन्य लघु उद्योगों का केंद्र बन गया।

हालांकि इस योजना को लेकर कुछ विवाद भी हैं। भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास की पारदर्शिता, और पात्रता को लेकर कुछ सवाल उठाए जा रहे हैं। कई निवासियों को यह चिंता है कि कहीं वे इस प्रक्रिया में बेघर न हो जाएं। इसके बावजूद सरकार ने आश्वासन दिया है कि कोई भी पात्र निवासी पुनर्विकास के बाद बेघर नहीं रहेगा और सभी को बेहतर सुविधाओं वाला आवास मिलेगा।

धारावी मास्टर प्लान न केवल एक शहरी कायाकल्प परियोजना है, बल्कि यह सामाजिक पुनर्निर्माण और मानव गरिमा की स्थापना की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम भी है। यदि यह योजना सफल होती है, तो यह न केवल मुंबई बल्कि पूरे भारत और दुनिया के लिए शहरी पुनर्विकास का एक आदर्श मॉडल बन सकती है।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *