Report By : ICN Network
दक्षिण-पश्चिम मानसून ने इस वर्ष सामान्य समय से लगभग 10 दिन पहले ही महाराष्ट्र में प्रवेश कर लिया है, जो पिछले कई वर्षों में सबसे जल्दी हुआ आगमन माना जा रहा है। 25 मई को सिंधुदुर्ग और उसके आसपास के क्षेत्रों में मानसून की पहली बारिश दर्ज की गई, जबकि सामान्यतः यह बारिश जून के पहले सप्ताह में होती है।
मौसम विभाग के अनुसार, अरब सागर में बने निम्न दबाव के क्षेत्र के कारण मानसून की रफ्तार बढ़ी है। विभाग का अनुमान है कि अगले तीन दिनों में मानसून मुंबई सहित अन्य इलाकों में भी पहुंच सकता है।
मुंबई में मानसून का आगमन अब तक का सबसे जल्दी हो सकता है। पिछली बार 1956, 1962 और 1971 में मानसून 29 मई को मुंबई पहुंचा था, लेकिन इस बार यह रिकॉर्ड टूटने की संभावना है।
हालांकि मानसून के समय से पहले पहुंचने ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। खरीफ फसलों की बुवाई के लिए अभी समय अनुकूल नहीं है और लगातार बारिश से बाजरा, ज्वार, मूंगफली और सब्जियों जैसी गर्मी की फसलों को भारी नुकसान हो सकता है।
मराठवाड़ा क्षेत्र में 1 मई से अब तक औसतन 132 मिमी बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 1000 प्रतिशत अधिक है। इससे नदियों में बाढ़ और बांधों का जलस्तर बढ़ गया है। सोलापुर में तेज बारिश के कारण जनहानि भी हुई है।
मौसम विभाग ने मुंबई, ठाणे और रायगढ़ के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में भारी बारिश, तेज हवाएं और बिजली गिरने की संभावना जताई गई है। नागरिकों को सतर्क रहने और जरूरी सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।