ईडी ने नोएडा प्राधिकरण को एक लिस्ट दी है। जिसमें कुल 63 कंपनियां है। एटीएस ग्रुप का इन कंपनियों से या तो ट्रांजैक्शन या फिर किसी न किसी रूप में इन कंपनियों से ग्रुप की साझेदारी है। ऐसे में ईडी ने सभी 63 कंपनियों की जानकारी प्राधिकरण से मांगी है। ये जानकारी प्राधिकरण को 28 जून तक देनी है।
इन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है और अब पीएमएलए के तहत कार्रवाई की जा रही है। इसके लिए प्रवर्तन निदेशालय ने नोएडा प्राधिकरण के सीईओ को पत्र भेजकर एटीएस और उससे जुड़े ट्रांजैक्शन कंपनियों के आवंटन, कंसोर्शियम और अन्य जानकारी मांगी गई है।
इसमें प्राधिकरण को बताना होगा कि उनकी किन योजनाओं में आवंटित जमीन में एटीएस व बाकी कंपनियों ने खुद लैंड खरीदी या कंसोर्शियम के जरिए। प्राधिकरण पर बिल्डर का कितना पेमेंट बकाया है। कितने किस्तों में उसने पैसा जमा किया और कितना बकाया है। ग्रुप के खिलाफ प्राधिकरण की ओर से दर्ज की गई एफआईआर ।
यदि कंपनी ने कोई प्लाट कैंसिल कराया हो इसकी पूरी जानकारी देनी होगी। दरअसल ग्रुप पर बायर्स का पैसा अन्य प्रोजेक्ट में लगाने का भी आरोप है। साथ ही पैसा गलत तरीके से विदेश भेजा गया। यही जानकारी एटीएस के साथ जुड़ी अन्य कंपनियों जिनमें उसका ट्रांजैक्शन शो किया गया है ।