Report By: SHARIK NAWAZ MAHOBA-UP
आजादी के 79 साल बाद गांव को शहर से जोड़ने वाली महज़ 3 किलोमीटर सड़क न बनने से नाराज़ महोबा जिले के सीगौन गांव के ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार कर दिया। ग्रामीणों ने दोपहर ढ़ाई बजे तक मतदान नही किया। सूचना पर एडीएम, सीडीओ और एडिशनल एसपी ने गांव पहुंचकर ग्रामीणों को मतदान के लिए मानने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण रोड नही तो वोट नहीं के नारे लगाते हुऐ मतदान बहिष्कार पर अड़े रहे। अधिकारियों ने सरकारी संस्थाओं में संबद्ध 8 मत डलवाने का दावा किया है। वही ग्रामीणों ने चौपाल लगाकर मतदान न करने का सामूहिक फ़ैसला किया। ग्रामीणों ने सार्वजनिक रूप से कहा कि जो व्यक्ति मतदान करेगा पूरा गांव उस व्यक्ति का बहिष्कार कर देगा। ग्रामीणों के चुनाव बहिष्कार के बाद अधिकारी बेबस नज़र आ रहे है।
दरअसल मामला महोबा जिले के जैतपुर विकास खण्ड के सीगौन गांव का है । भोगौलिक रूप से यह गांव मध्य प्रदेश की सीमा से जुड़ा हुआ है । जबकि महोबा मुख्यालय 60 किलोमीटर दूर है। ग्रामीणों को अपने गांव से मध्य प्रदेश का नौगांव कस्बा महज़ तीन किलोमीटर की दूरी पर है लेकिन रास्ता न होने से ग्रामीणों को नौगांव खरीददारी या अन्य कार्यों के लिए 20 किलोमीटर का लम्बा सफ़र करना पड़ता है । ग्रामीणों नें कई बार जिले अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों से 3 किलोमीटर के रास्ते को पक्का बनाने की पहल की थीं लेकिन वन क्षेत्र होने के कारण यह मार्ग नही बन सका । यही वजह है कि आक्रोशित ग्रामीणों ने गांव के बाहर रोड नही तो वोट नहीं का बैनर टांग कर मतदान का विरोध करना शुरु किया । कई अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण सिर्फ़ रोड बनने की शर्त पर ही मानने को तैयार थे। आपको बता दें कि गांव के 1379 मतदाता और ग्रामीणों ने एकजुट दिखाते हुए गांव में मतदान का बहिष्कार कर दिया। जब यह बात जिला निर्वाचन अधिकारी को पता चली तो उन्होंने गांव में तत्काल मतदान शुरू करने के लिए मुख्य विकास अधिकारी चित्र सेन एडीएम रामप्रकाश और अपर पुलिस अधीक्षक सत्यम को गांव भेज कर मतदान शुरू करने की निर्देश दिए। जिलाधिकारी के निर्देश पर पहुंचे अधिकारियों ने ग्रामीणों को भरसक मानने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण अपनी जिद पर आने रहे और उन्होंने 2:30 बजे तक मतदान नहीं किया। जिसके बाद सफाई कर्मी आंगनबाड़ी कार्यकत्री सहित आठ लोगों के मत डलवाए गए । सीगौन गांव में 1379 मतदाता है जबकि एक मतदान केन्द्र बनाया गया है। इस दौरान ग्रामीणों ने गांव में चौपाल लगाकर मतदान न करने का सामूहिक निर्णय ले ग्रामीणों ने सार्वजनिक रूप से कहा कि जो ग्रामीण मतदान करेगा उसे सार्वजनिक रूप से बहिष्कृत कर दिया जाएगा कोई भी व्यक्ति उसके वैवाहिक एवं अन्य कार्यक्रमों में भाग नहीं लेगा।
ग्रामीणों की घोषणा के बाद अधिकारी सकते में है। एडीएम सीडीओ और अपर पुलिस अधीक्षक लगातार ग्रामीणों को मनाने के प्रयास कर रहे हैं लेकिन ग्रामीण किसी की बात मानने को तैयार नहीं है।