• Sun. Feb 23rd, 2025

UP-गाज़ीपुर के किसान केले की कर रहे खेती,नकद पेमेंट के साथ मुनाफ़ा बेहतर

यूपी के गाज़ीपुर के किसान भुसावल का केला जहां अपनी प्रसिद्धि के लिए जाना जाता है, बिहार में भी केले की खेती बड़े पैमाने पर होती है। ऐसे में गाजीपुर में पेरिशेबल कार्गो के स्थापित होने से जनपद में केले की खेती को लेकर किसानों ने 5 वर्ष पूर्व से दिलचस्पी लेना शुरू किया। अब उनकी मेहनत से ऐसा रंग लाया की प्रतिमाह 600 एमटी केला जहां पकाने के लिए यहां रखा जा रहा है। वहीं अन्य प्रदेशो के अलावा अन्य जगहों पर किसानों से सीधे खरीदारी कर व्यापारी लेकर जा रहे हैं। जनपद के दो ब्लाकों के किसानों के द्वारा केले की खेती कर आर्थिक रूप से अपने आप को सुदृढ़ किया जा रहा है।

यही नहीं गाजीपुर घाट स्टेशन स्थित पेरिशबल कार्गो में प्राकृतिक तरीके से पकाएं केले के स्वाद से लोग रूबरू हो रहे हैं।बताते चले कि पूर्व में केला भुसावल और अन्य राज्यों से आता था। और यहां पर व्यापारियों के द्वारा करबाइट और अन्य से उसे पकाया जाता था। और फिर बाजार में बेचा जाता था जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होने के साथ ही साथ व्यापारियों के मुनाफे में भी काफी कमी होती थी। लेकिन पेरिशेबल कार्गो के बन जाने से एक तरफ यहां किसानों का केले की खेती में रुचि बढ़ा है। वही किसानों को उनके केले का उचित मूल्य मिलता है। वही आमजन को बिना केमिकल वाला केला मिलता है।जनपद में करीब 400 हेक्टेयर में वर्तमान समय में केले की खेती हो रही है ।और कहीं 700 से 800 किसान और उनके परिवार लाभान्वित हो रहा है। इसमें सबसे ज्यादा रेवतीपुर, मोहम्मदाबाद, सोहवल का इलाका शामिल है। जहां केले की खेती की जाती है। पूर्व में जनपद में केले की आपूर्ति बिहार सहित अन्य राज्यों से की जाती थी। वहां से कच्चे केले को मंगाकर व्यापारियों के द्वारा और प्राकृतिक तौर से पकाकर बेचने का काम किया जाता था। इसके चलते जहां केला स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित होता था। वही अप्राकृतिक तौर से पके केले में स्वाद भी नहीं मिल पाता था। पूर्व रेल राज्य मंत्री और वर्तमान में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के प्रयास से किसानों और व्यापारियों की सुविधा के लिए गाजीपुर घाट में पेरिशेबल कार्गो की स्थापना की गई। पेरिशेबल कार्गो की ओर से चार से पांच खेप में भुसावल,आंध्र प्रदेश और इंदौर से कच्चा केला मंगाकर प्राकृतिक तरीके से पकाने का कार्य भी किया गया। इसके बाद प्राकृतिक तौर से पके केले का आनंद जिले के लोगों को मिलना शुरू हो गया है।पेरिशेबल कार्गो के प्रभारी बृजेश राय की बात माने तो जिले के किसानों के द्वारा केले की खेती करके अपने आप को आर्थिक रूप से सुधार किया जा रहा है। वर्तमान में करीब 400 हेक्टेयर में केले की खेती हो रही है। जिसमें जखनिया, करंडा ,कासिमाबाद, रेवतीपुर के किसान आगे कदम बढ़ा रहे हैं।

By Ankshree

Ankit Srivastav (Editor in Chief )

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *