• Sun. Dec 22nd, 2024

UP-नोएडा में डिफॉल्टर बिल्डर्स से फ्लैट बायर्स को सपनो का घर मिलने की जगी उम्मीद

यूपी के नोएडा में उत्तर प्रदेश सरकार ने अमिताभ कांत समिति की सिफारिश को लागू कर दिया है. जिसके बाद फ्लैट बायर्स को उनके सपनों का घर मिलने का रास्ता साफ होता दिखाई दे रहा है. सभी प्राधिकरणों को भी ये आदेश मिले हैं कि जल्द से जल्द इस पर काम शुरू हो ।इसी कड़ी में नोएडा प्राधिकरण डिफॉल्टर बिल्डर्स के साथ 6 जनवरी को एक बैठक करने जा रहा है, जिसमें 57 बिल्डर शामिल होंगे और उन्हें उनके बकाया राशि की जानकारी उपलब्ध करवाई जायेगी. जिसके लिए नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बिल्डरों के बकाया की पुर्नगणना कर रहा है।

मिली जानकारी के मुताबिक इस बैठक के बाद अगले दिन नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन के साथ बैठक की जाएगी।नोएडा में एनसीएलटी और कोर्ट मामलों को हटा दिया जाए, तो कुल 7,800 करोड़ रुपये बकाया हैं. इसी तरह ग्रेटर नोएडा में कुल 96 प्रोजेक्ट पर 5,500 करोड़ का बकाया है।57 परियोजनाओं के डेवलपर्स के साथ बैठकनोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने कहा, ”हमने बकाया की गणना के लिए एक स्वतंत्र सीए को नियुक्त किया है। 6 जनवरी को सभी 57 परियोजनाओं के डेवलपर्स की बैठक बुलाई गई है।उन्हें दो साल के लिए दी गई राहत को कोविड महामारी से उत्पन्न शून्य अवधि (अप्रैल 2020 से मार्च 2022) और एनजीटी के आदेश (अगस्त 2013 से जून 2015) को समायोजित करने के बाद बकाया राशि से अवगत कराया जाएगा। नोएडा प्राधिकरण में कुल बकाया का 20 प्रतिशत समायोजित किया जाएगा। इसके अगले दिन चेयरमैन की उपस्थिति में बिल्डर और प्राधिकरण के बीच बने एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इसके बाद मामले को अंतिम मंजूरी के लिए बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

खरीदारों को स्वामित्व अधिकार मिल जाएगा। एक बार ऐसा हो जाने पर, डेवलपर्स को 60 दिनों के भीतर बकाया राशि का अपेक्षित 25 प्रतिशत भुगतान करना होगा और रुकी हुई परियोजनाओं का निर्माण शुरू करने के लिए आवश्यक एनओसी प्राप्त करना होगा। जिन घर खरीदारों के पास पंजीकरण के बिना इन परियोजनाओं में अपने फ्लैटों का कब्जा है, उन्हें मालिकाना अधिकार सौंपना होगा। यही प्रक्रिया ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में भी होगी। आपको बता दें कि दोनों शहरों में 1 लाख से ज्यादा घर खरीदार हैं, जिन्हें उनके फ्लैट की रजिस्ट्री और उनकी संपत्तियों के कब्जे के रूप में लाभ मिलेगा। 1 लाख में से 68,000 ग्रेटर नोएडा में होंगे। 96 डिफ़ॉल्ट परियोजनाओं में हैं, और 32,000 से अधिक नोएडा में 57 परियोजनाओं में हैं।

By ICN Network

Ankit Srivastav (Editor in Chief )

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *