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T-20 वर्ल्डकप में पहलीबार मॉड्यूलर स्टेडियम में होगा क्रिकेट मैच,34 हजार दर्शकों के बैठने की होगी व्यवस्था

Report By : Rishabh Singh, ICN Network

9 जून को भारत-पाकिस्तान का मैच होना है। इस मेकशिफ्ट स्टेडियम को करीब 250 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। टी-20 वर्ल्ड कप की शुरुआत 2 जून को अमेरिका और वेस्टइंडीज में होने जा रही है। 21 मई को उसैन बोल्ट ने ही न्यूयॉर्क के इस टेम्पररी स्टेडियम का उद्घाटन किया था। इसमें ऑस्ट्रेलिया में बनी पिच का इस्तेमाल होगा। वहीं दर्शकों के बैठने के लिए फॉर्मूला-1 के स्टैंड को लगाया गया है। यहां भारत-पाक मैच के साथ-साथ वर्ल्ड कप के कुल 8 मैच खेले जाने हैं।

नसाउ काउंटी स्टेडियम क्रिकेट का पहला मॉड्युलर स्टेडियम है। यानी इसकी पिच, स्टैंड आदि एक टूर्नामेंट के लिए असेंबल किए गए। मॉड्युलर स्टेडियम में स्टील और आसानी से असेंबल हो जाने वाले एलिमेंट्स का इस्तेमाल होता है। इससे स्टेडियम खड़ा करने में समय और पैसे दोनों की बचत होती है।

समय की कमी और एनवायर्नमेंट सस्टेनबिलिटी दो अहम कारण थे। कम्पनी को छह महीने में स्टेडियम तैयार करना था। इतने कम समय में मॉड्युलर स्टेडियम के अलावा कोई विकल्प नहीं था। मॉड्युलर स्टेडियम बनने से ग्राउंड के आस-पास के एनवायर्नमेंट पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ा। टूर्नामेंट के बाद इस ग्राउंड को टूर्नामेंट से पहले की अवस्था में लोकल कम्युनिटी को वापस दे दिया जाएगा।

मॉड्युलर स्टेडियम को मेंटेन करने में कम पैसा लगता है, क्योंकि एक बार काम होने के बाद इसे खाली जमीन के रूप में रखा जा सकता है। जिसे मेंटेन करने की जरूरत ही नहीं। जिन शहरों में कई सालों में 1-2 स्पोर्ट्स एक्टिविटीज ही होती हैं, वहां मॉड्युलर ग्राउंड का कॉन्सेप्ट तेजी से बढ़ रहा है।
न्यूयॉर्क के स्टेडियम में 34 हजार दर्शक बैठ सकेंगे। स्टेडियम में सामान्य स्टैंड के अलावा VIP लाउंज और प्रेस बॉक्स भी तैयार किया गया है।

नसाउ के मॉड्युलर स्टेडियम में ड्रॉप-इन पिच का इस्तेमाल किया जाएगा। कुल 10 पिचें ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड शहर में बनाई गईं। करीब 30 टन वजनी पिच को पिछले साल दिसंबर में समुद्र के रास्ते अमेरिका के फ्लोरिडा शहर पहुंचाया गया। फ्लोरिडा में 5 महीने तक पिच को तैयार किया और मई में नसाउ स्टेडियम में फिट कर दिया गया।

10 पिच को सड़क के रास्ते फ्लोरिडा से न्यूयॉर्क पहुंचाने में करीब 4 दिन का समय लगा। इसके लिए 30 टन से ज्यादा वर्कलोड उठाने वाले ट्रक और कंटेनर का इस्तेमाल किया गया। इस दौरान आम जनता के लिए सड़क को बंद कर दिया गया था, ताकि पिच ट्रांसपोर्टेशन में कम टाइम लग सके।

टी-20 वर्ल्ड कप के लिए स्टेडियम और पिच तैयार करने के लिए बोर्ड को बहुत कम समय मिला। इसलिए ड्रॉप-इन पिच को ऑस्ट्रेलिया में बनाकर अमेरिका पहुंचाया गया। पिच को एडिलेड ओवल टर्फ सॉल्यूशन कम्पनी ने अमेरिका की ही द लैंडटेक कम्पनी के साथ बनाया। इस प्रोजेक्ट को एडिलेड स्टेडियम के हेड पिच क्यूरेटर डैमियन हॉग ने लीड किया।

ICC के इवेंट हेड क्रिस टेटली ने कहा था, ‘पिच को न्यूयॉर्क की बजाय 5 महीने तक फ्लोरिडा में इसलिए रखा गया, क्योंकि न्यूयॉर्क का मौसम पिच को तैयार रखने लायक नहीं है। वहां पिच रखते तो ठंड के कारण सारी मेहनत बेकार चली जाती, लेकिन फ्लोरिडा में पिच तैयार करने के लिए मौसम हैं, वहां मॉड्युलर ग्राउंड का कॉन्सेप्ट तेजी से बढ़ रहा है।

न्यूयॉर्क के स्टेडियम में 34 हजार दर्शक बैठ सकेंगे। स्टेडियम में सामान्य स्टैंड के अलावा VIP लाउंज और प्रेस बॉक्स भी तैयार किया गया है।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

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