गंगाजल की मुख्य लाइन के रखरखाव की वजह से करीब 20 दिनों तक नोएडा-ग्रेटर नोएडा में गंगाजल की आपूर्ति ठप रहेगी। इस वजह से नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेनो वेस्ट के अधिकांश इलाकों में दीपावली तक पानी की किल्लत बनी रह सकती है। इस किल्लत को दूर करने के लिए नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने रैनीवेल और ट्यूबवेल से आपूर्ति की कमी को पूरा करने का फैसला लिया है। ग्रेटर नोएडा को जैतपुर भूमिगत जलाशय से बफर स्टॉक से कुछ दिन पानी की आपूर्ति की जाएगी।
नोएडा-ग्रेनो के अधिकारियों का कहना है कि हर साल इन दिनों में गंगाजल के प्राथमिक स्रोत देहरा, गंगनहर और द्वितीयक स्रोत पालडा, बुलंदशहर पर रखरखाव का काम शुरू होता है। इस दौरान बारिश के बाद जमे सिल्ट को साफ किया जाता है। यह काम इस बार 2 अक्तूबर से 20 अक्तूबर तक होगा।
हालांकि यह प्रयास किया जाएगा कि लोगों को पानी की किल्लत नहीं हो। नोएडा में 200 एमएलडी तो ग्रेटर नोएडा और ग्रेनो वेस्ट में करीब 100 एमएलडी पानी की जरूरत अभी होती है। गंगाजल की आपूर्ति बंद होने से इन दिनों करीब 10 लाख की आबादी प्रभावित होने की आशंका रहती है।
वरिष्ठ प्रबंधक जल राजेश गौतम ने बताया कि गंगाजल की आपूर्ति बाधित होने से लोगों को कोई दिक्कत नहीं होगी। हमारी ट्यूबवेल की क्षमता वर्तमान की मांग से काफी अधिक है। गंगाजल नहीं मिलने से जो कमी पानी की आएगी उसे ट्यूबवेल से पूरा कर लिया जाएगा। जैतपुर में बने भूमिगत जलाशय में करीब 40 एमएलडी बफर स्टॉक है।
इससे भी करीब सात दिन तक अतिरिक्त जरूरत को पूरा कर किल्लत को न्यूनतम किया जा सकता है। जहां भी पानी की किल्लत की शिकायत मिलेगी। वहां टैंकर से पानी भेज दिया जाएगा। वहीं नोएडा प्राधिकरण के जीएम आरपी सिंह ने बताया कि गंगाजल की आपूर्ति 4 अक्तूबर से बाधित हो सकती है। हालांकि रैनीवेल, ट्यूबवेल और भूमिगत जलाशयों से पानी की आपूर्ति जारी रहेगी। जरूरत पड़ने पर पानी के टैंकर भी भेजे जाएंगे।