प्रसिद्ध यूट्यूबर और पूर्व पायलट गौरव तनेजा, जिन्हें लोग ‘फ्लाइंग बीस्ट’ के नाम से जानते हैं, ने हाल ही में एयर इंडिया फ्लाइट 171 की दुर्घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। एक वीडियो के माध्यम से उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर इस हादसे को लेकर कई भ्रामक बातें फैलाई जा रही हैं, जिनमें सच्चाई नहीं है।
गौरव का मानना है कि दुर्घटना की मुख्य वजह पायलट की एक बड़ी चूक हो सकती है। उन्होंने आशंका जताई कि टेकऑफ के समय एक इंजन पहले से ही खराब हो गया था और संभवतः पायलट ने गलती से दूसरा, सही इंजन भी बंद कर दिया, जिससे विमान दोनों इंजनों के बिना हवा में रह गया और हादसा हो गया।
गौरव ने यह भी स्पष्ट किया कि इस घटना में खराब मौसम की कोई भूमिका नहीं थी। उन्होंने 12 जून की मौसम रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि उस दिन मौसम पूरी तरह सामान्य था।
अपने वीडियो में उन्होंने भारत की एविएशन सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंता जताई। उन्होंने याद दिलाया कि कुछ वर्ष पहले उन्होंने एयर एशिया में सुरक्षा खामियों की ओर इशारा किया था, जिसकी वजह से उन्हें नौकरी गंवानी पड़ी थी।
गौरव तनेजा, जो IIT खड़गपुर से पढ़े हैं और लगभग एक दशक तक प्रोफेशनल पायलट के रूप में काम कर चुके हैं, अब एक लोकप्रिय यूट्यूबर हैं। वे अक्सर एविएशन इंडस्ट्री से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखते हैं।
एयर इंडिया फ्लाइट 171 की घटना पर बोलते हुए उन्होंने कहा, “अगर वास्तव में मौसम खराब होता, तो बोइंग 787 जैसे आधुनिक विमान में टेकऑफ से पहले ही पायलट को अलर्ट मिल जाता। इस विमान में दो रडार होते हैं – एक बाएं और एक दाएं तरफ – और कम से कम एक का काम करना उड़ान के लिए जरूरी होता है।”
गौरव ने विमान सुरक्षा को लेकर एक गंभीर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि एक पायलट ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से यह जानकारी दी थी कि कई विमान बेहद खराब स्थिति में भी उड़ान भरते हैं।
उन्होंने कहा, “अक्सर विमानों में तकनीकी समस्याएं पाई जाती हैं जिन्हें जानबूझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है। मैंने पहले भी MEL यानी Minimum Equipment List के बारे में बताया था – इसमें यह तय होता है कि किन न्यूनतम उपकरणों के साथ विमान को उड़ान भरने की अनुमति दी जा सकती है। उदाहरण के तौर पर, अगर एक रडार खराब हो लेकिन दूसरा काम कर रहा हो, तो विमान उड़ सकता है – और ऐसी स्थितियां अब सामान्य होती जा रही हैं।”
गौरव ने कहा, “लगभग हर फ्लाइट में कोई न कोई दिक्कत जरूर होती है, लेकिन एयरलाइंस ने इन्हें नजरअंदाज करना अपनी आदत बना ली है। ज़मीन पर मौजूद इंजीनियर भी कई बार यह कहते हैं कि फ्लाइट को अस्थायी रूप से उड़ान की मंज़ूरी दी जा रही है, जबकि उन्हें खुद पता होता है कि उड़ान के दौरान जोखिम हो सकता है।”
उन्होंने यह भी बताया कि जब किसी फ्लाइट में कोई तकनीकी गड़बड़ी होती है, तो उसकी रिपोर्ट एयरलाइन को भेजी जाती है, यानी कंपनी इन खामियों से अवगत होती है। फिर भी कई बार एयरलाइंस इन समस्याओं को नज़रअंदाज करके जिम्मेदारी पायलट पर छोड़ देती हैं।
गौरव तनेजा ने साफ तौर पर इशारा किया कि कुछ एयरलाइंस सुरक्षा मानकों से समझौता कर रही हैं और जरूरी सुधारों को टाल रही हैं – जो कि यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से बेहद गंभीर और चिंताजनक है।