पिंडदान के लिए जाती राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
Gayaji Pind Daan: शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पवित्र नगरी गयाजी में अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष की कामना के लिए पिंडदान किया। वह विशेष विमान से गया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरीं और सड़क मार्ग से ऐतिहासिक विष्णुपद मंदिर पहुंचीं। इस पवित्र अवसर पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी उनके साथ थे।
राष्ट्रपति ने परिजनों संग पूरे विधि-विधान से किया पिंडदान
राष्ट्रपति के पिंडदान के लिए जिला प्रशासन ने विष्णुपद मंदिर परिसर में विशेष प्रबंध किए। एल्यूमिनियम से निर्मित एक अस्थायी हॉल में तीन कक्ष तैयार किए गए, जिनमें से एक में राष्ट्रपति ने अपने परिजनों के साथ पिंडदान का अनुष्ठान संपन्न किया। गयापाल पुरोहित राजेश लाल कटरियार के मार्गदर्शन में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यह धार्मिक कर्मकांड पूर्ण हुआ। यह राष्ट्रपति का गयाजी में पहला पिंडदान था, जहां उन्होंने दो घंटे तक रहकर पूरे विधि-विधान से अनुष्ठान किया।
इस दौरान मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। राष्ट्रपति के आगमन को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा। हवाई अड्डे से विष्णुपद मंदिर तक सुरक्षा व्यवस्था को अभेद्य बनाया गया। राष्ट्रपति गेट नंबर 5 से घुघरीटांड़, बाईपास और बंगाली आश्रम के रास्ते मंदिर पहुंचीं। कई स्थानों पर बैरिकेडिंग की गई और कुछ समय के लिए आम लोगों का आवागमन रोका गया। ट्रैफिक व्यवस्था में बदलाव करते हुए निर्धारित मार्गों पर सामान्य वाहनों का परिचालन पूरी तरह बंद रहा।
गयाजी में 21 सितंबर तक चलेगा पितृपक्ष मेला
गयाजी में विश्वविख्यात पितृपक्ष मेला अपने 15वें दिन में प्रवेश कर चुका है और यह 21 सितंबर तक चलेगा। आज गया श्राद्ध का 14वां दिन है, जिसका विशेष महत्व है। इस दिन वैतरणी सरोवर पर तर्पण और गौदान का विधान है। मान्यता है कि वैतरणी वेदी पर स्नान और तर्पण करने से पिंडदानी के 21 कुलों का उद्धार होता है, जिससे पूर्वजों की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है।