गोरखपुर। उत्तर प्रदेश को रोजगार का हब बनाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार अपने मुख्य एजेंडा में रखी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में बड़े पैमाने पर औद्योगिक निवेश का प्रस्ताव मिल चुका है। संभव है की यह लक्ष्य यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-23 के कार्यक्रम 10 फरवरी से 12 फरवरी तक कुल लक्ष्य 64 हजार करोड़ को भी पार कर ले।
गोरखपुर के उद्यमियों में जीआईएस समिट को लेकर खासा उत्साह देखने को मिला है। अभी तक कुल 280 से अधिक उद्यमियों में ने निवेश प्रस्ताव पर एमओयू कर चुके हैं। इसके साथ ही अभी कई उद्यमियों से निवेश प्रस्ताव के लिए बातचीत चल रही है।
गोरखपुर को इस समिट के लिए 64 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव का लक्ष्य मिला है। जिसके सापेक्ष 61 हजार करोड़ का निवेश प्रस्ताव मिल चुका है। गीडा प्रशासन लक्ष्य प्राप्ति के साथ ही लक्ष्य से अधिक निवेश करने के लिए प्रयासरत है। उम्मीद है कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले लक्ष्य से अधिक का निवेश प्रस्ताव मिल जाए।
योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद गोरखपुर में विकास के कई नए कीर्तिमान स्थापित हुए हैं। इसी क्रम में उद्योगों का तेजी से विकास हो रहा है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से यह जल्द ही कई हजार करोड़ के निवेश के साथ उद्योग हब होगा।
इन उद्योगों के लगने के बाद से गोरखपुर से बाहर जाने वाले मजदूरों का पलायन खत्म होगा। लोगों को अपने क्षेत्र में ही ही रोजगार के अवसर मिलेंगे। समिट के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि 60 हजार से अधिक लोगों को सीधा रोजगार मिलेगा। अब तक मिले बड़े प्रस्तावों की बात करें तो सूक्ष्म,लघु एंव मध्यम के 1595 करोड़ के 70 प्रस्ताव हैं,जबकि टेक्सटाइल सेक्टर में 1600 रुपये के 31 प्रस्ताव हैं। वहीं भारी उद्योग के 57 हजार 805 करोड़ के 185 निवेश शामिल हैं।