Report By: SHARIK NAWAZ MAHOBA-UP
महोबा में हीट स्ट्रोक की चपेट में आए एक ट्रक चालक की अस्पताल में इलाज के अभाव में मौत हो गई। लू लगने के कारण अचेत हुए ट्रक चालक को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज नहीं मिल पाया और 1 घंटे तक इलाज के लिए मरीज तड़पता रहा। समय से न तो उसे इलाज मिला और ना ही जिला अस्पताल लाने के लिए एंबुलेंस मिल पाई जिसके कारण उसने दम तोड़ दिया। ट्रक चालक की मौत होने से उसके परिवार में कोहराम मच गया है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को मोर्चरी हाउस में रखवाकर पंचनामा भर पोस्टमार्टम की कार्यवाही की है। परिवार ने अस्पताल में हीट स्ट्रोक के इलाज के लिए कोई व्यवस्था न होने के आरोप लगाए हैं और कहा है कि यदि समय से इलाज मिल पाता तो मरीज की जान बच सकती थी।
बुंदेलखंड का महोबा इस समय भीषण गर्मी और लू से तप रहा है। पारा 45 डिग्री के ऊपर है। जिससे हीटस्ट्रोक के चलते अचानक तबियत बिगड़ने के मामले सामने आ रहे हैं। जिसको लेकर स्वास्थ्य महकमा अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाओं को बेहतर बनाए रखने के दावे तो कर रहा है मगर अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के मरीजों के इलाज की कोई व्यवस्था देखने को नहीं मिल पा रही। बीते रोज जिला अस्पताल में निरीक्षण के दौरान सीएमओ डॉक्टर आशाराम ने अस्पतालों में हीटवेव के मद्देनजर इमरजेंसी सेवाएं दुरुस्त होने की बात कहीं थी मगर इलाज के अभाव में हीट स्ट्रोक के मरीज की इलाज के अभाव में मौत ने सभी दावों की पोल खोल कर रख दी है। अपने निरीक्षण में सीएमओ डा.आशाराम ने हीट वेव को लेकर अस्पताल में इमरजेंसी सेवाओं के बेहतर होने की बात कहीं थी पहले आप सुने कि क्या स्वास्थय सेवाओं को लेकर सीएमओ ने क्या दावा किया था
सुना आपने कैसे जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के जिम्मेदार डॉ आसाराम हीट वेव को लेकर व्यवस्थाओं के बेहतर होने की बात कह रहे हैं लेकिन इसकी जमीनी हकीकत को इस घटना ने साफ कर दिया है। आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कबरई में हीट स्ट्रोक के मरीज की इलाज के अभाव में मौत हो गई। हीट स्ट्रोक के मरीज के इलाज के लिए कोई व्यवस्था न होने के चलते उसे 1 घंटे तक इलाज नहीं मिल पाया जिसके कारण उसने दम तोड़ दिया। आपको बता दें कि हमीरपुर जनपद के भरुआ सुमेरपुर निवासी 52 वर्षीय जय किशोर पुत्र मैयादीन प्रजापति अपने अन्य साथी राजाबाबू के साथ प्रतापगढ़ से कबरई ट्रक लेकर आ रहा था। अचानक बताया जाता है कि हीटवेव के चलते उसे लू लग गई जिससे वह उसकी हालत बिगड़ गई है। ऐसे में साथी द्वारा उसे तत्काल इलाज के लिए कबरई के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। जहां डॉक्टर ने हीट स्ट्रोक के मरीज के इलाज की कोई व्यवस्था न होने की बात कहकर उसका कोई इलाज नहीं किया। मरीज के इलाज के लिए साथी मिन्नते करता रहा लेकिन उसे इलाज नहीं मिल पाया। यही नहीं इलाज के लिए उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया लेकिन एक घंटे तक उसे ना तो इलाज मिला और ना ही एंबुलेंस मिल पाई, बा मुश्किल एक घंटे देरी से पहुंची एंबुलेंस से उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचा जहां डॉक्टर ने देखते ही मृत घोषित कर दिया। 52 वर्षीय जय किशोर की हीट स्ट्रोक के चलते मौत हुई है।
लेकिन इसमें अहम बात है कि हीट स्ट्रोक के मरीजों के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग आपातकालीन सेवाओं को चुस्त-दुरुस्त रखने के दावे कर रहा है वहीं दूसरी ओर कबरई कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज न मिल पाने के कारण हीट स्ट्रोक के मरीज की मौत होना स्वास्थ्य विभाग के दावों पर कई सवाल खड़े कर रहा है। इलाज के अभाव में ट्रक चालक की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। परिवार में सभी का रो रो कर बुरा हाल है। बताया जाता है कि मृतक के 9 संस्थान हैं जिसमें आठ पुत्रियां और एक पुत्र है और वह अकेला अपने परिवार को पालने वाला था, जिसकी मौत होने से परिवार में मातम है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है और पुलिस अग्रिम कार्यवाही में जुटी हुई है। मृतक के परिवारीजनों ने अस्पताल में हीट स्ट्रोक के मरीजों के इलाज के लिए कोई व्यवस्था न होने का आरोप लगाया है।
बहरहाल इतना तो साफ है कि महोबा के स्वास्थ्य महकमें द्वारा किए जा रहे दावों में तनिक भी सच्चाई नहीं है, यही वजह है कि अस्पताल में हीट स्ट्रोक के मरीजों के इलाज की कोई व्यवस्था न होना स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को बताने के लिए काफी है। अब देखना होगा की जिम्मेदार इस मामले में क्या रुख अपनाते है जिससे मरीजों को समय से उचित इलाज मिल सकें।