भारत वैश्विक नेतृत्व का दंभ भरता है, लेकिन लोकतंत्र वाले देश में अधिकारों के सम्मान को लेकर भारत सरकार का रवैया कमजोर रहा है। रिपोर्ट में आगे लिखा है कि भारत में पिछले साल (2023) में मानवाधिकारों को दबाया गया और लोगों के साथ उत्पीड़न की कई घटनाएं सामने आई हैं। रिपोर्ट में मणिपुर हिंसा, जम्मू कश्मीर का हालिया माहौल और जंतर मंतर पर महिला पहलवानों के विरोध का भी जिक्र किया गया है। बीजेपी सरकार को बताया हिंदूवादी सरकार
यहीं नहीं 740 पन्नों की रिपोर्ट में बीबीसी के दफ्तर में पड़े छापे, नूंह हिंसा की चर्चा की गई है। ह्यूमन राइट्स वॉच ने अपनी रिपोर्ट में भारत सरकार को बीजेपी की सरकार के बजाय हिंदूवादी सरकार लिखा है। रिपोर्ट में जम्मू कश्मीर में कथित तौर आए दिन लोगों की मौत की खबरों का भी जिक्र किया गया है। इसके अलावा रिपोर्ट में चर्चा की गई है कि वहां लोगों को अपनी बात कहने की आजादी नहीं है। वे कथित तौर पर विरोध नहीं कर सकते हैं। इसके साथ सेना पर कथित एक्ट्रा ज्यूडिशियल मौत को लेकर भी दावे किए गए हैं। मुसलमानों को सुरक्षा नहीं दे पाई मोदी सरकार
वर्ल्ड रिपोर्ट 2024 में ये भी दावा किया गया है कि भारत की मोदी सरकार मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा करने में विफल रही है। सरकार मुसलमानों को सुरक्षा देने में नाकामयाब नहीं हो पाई। बताते चले कि इस रिपोर्ट पर अभी तक भारत सरकार की ओर से कोई भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।