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जेवर एयरपोर्ट के आसपास प्लॉट की कीमतों में 5 गुना उछाल—क्या अभी निवेश करना सही रहेगा? जानिए विशेषज्ञों की राय

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जल्द ही शुरू होने वाला है, और उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे नवंबर के तीसरे हफ्ते में उद्घाटित करेंगे। पिछले पांच वर्षों से यह इलाका दिल्ली-एनसीआर के रियल एस्टेट सेक्टर में लगातार सुर्खियां बटोर रहा है। एशिया के इस सबसे बड़े एयरपोर्ट से पहली आधिकारिक उड़ान ऐसे समय में भरेगी, जब 2020 से 2025 के बीच यहां अपार्टमेंट की कीमतों में 158% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

InvestoXpert Advisors की RealX Stats रिपोर्ट बताती है कि यहां जमीन के दाम 536% तक बढ़ चुके हैं—यानी पांच गुना से भी अधिक। यमुना एक्सप्रेसवे अब सिर्फ एक बाहरी मार्ग नहीं, बल्कि NCR का सबसे तेज़ी से उभरता रियल एस्टेट कॉरिडोर बन चुका है। उदाहरण के तौर पर, Chi 3 में जमीन की कीमत ₹1,200 प्रति वर्गफुट से बढ़कर ₹12,950 तक पहुंच गई — जो दस गुना वृद्धि है। वहीं 22D और Chi Phi जैसे सेक्टरों ने भी 400% से अधिक रिटर्न देकर निवेशकों को बड़ा लाभ दिलाया है।

इस तेज़ उछाल के पीछे UER-II, YEIDA की इंडस्ट्रियल टाउनशिप, लॉजिस्टिक पार्क और प्रस्तावित फिल्म सिटी जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। इन्हीं कारणों से यह क्षेत्र एक बड़े विकास केंद्र में बदलता जा रहा है।

लेकिन सवाल यही है — क्या अब भी निवेश का सही समय है, खासकर एंड-यूजर्स के लिए, जबकि इस क्षेत्र को लंबे समय से रियल एस्टेट निवेशकों का ‘हॉटस्पॉट’ माना जाता रहा है?

नारेडको (NAREDCO) के अध्यक्ष परवीन जैन का मानना है कि यमुना एक्सप्रेसवे पर लंबी अवधि का निवेश अब भी एक बेहतरीन विकल्प है। उनके अनुसार, अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और अन्य बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के पूरा होने के बाद भी कीमतों के और बढ़ने की संभावना है। वे सलाह देते हैं कि निवेश करते समय डेवलपर की विश्वसनीयता और सरकारी मंजूरियों की जांच ज़रूर करें।

स्क्वायरयार्ड्स के रवि निरवाल भी मानते हैं कि यहां प्रॉपर्टी की मांग मजबूत है, और एंड-यूजर्स अगर खरीदारी में देर करते हैं, तो वे भविष्य के मौके खो सकते हैं। उनके मुताबिक, कमर्शियल ऑफिस स्पेस, औद्योगिक क्षेत्रों और लॉजिस्टिक्स हब के विकास के साथ नोएडा का पूरा आर्थिक ढांचा विस्तार कर रहा है, जो आवासीय मांग को मजबूत बनाए रखेगा। उनका मानना है कि कीमतें आगे भी बढ़ेंगी, भले ही रफ्तार थोड़ी धीमी हो—इसलिए अभी निवेश करना ज्यादा समझदारी है।

एस्टेक ग्रुप के सुमित अग्रवाल का कहना है कि नोएडा में यह कीमत बढ़ोतरी सिर्फ एक अस्थायी उछाल नहीं, बल्कि मजबूत बुनियाद पर आधारित लंबी विकास यात्रा का हिस्सा है। उनका सुझाव है कि खरीदारों को यह इंतजार नहीं करना चाहिए कि कीमतें गिरें—क्योंकि हर बड़े प्रोजेक्ट, चाहे वह एयरपोर्ट हो या इंडस्ट्रियल विस्तार, ने संपत्ति के मूल्य को और ऊपर धकेला है, और आगे भी यही रुझान रहने की उम्मीद है।


By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

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