नौबस्ता से रमईपुर तक 5.78 किमी, नौबस्ता से चकेरी 17.6 किमी और पनकी से केंद्रीय विद्यालय कैंट तक 20.61 किमी कॉरिडोर का प्रस्ताव है।
मेट्रो के जनसंपर्क अधिकारी पंचानन मिश्र ने बताया कि शहरी नियोजन विभाग को सात नए मेट्रो कॉरिडोर का प्रस्ताव भेजा गया है, हालांकि अभी सरकार की मंजूरी नहीं मिली है। इनमें से नौबस्ता से बर्रा तक के कॉरिडोर को स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। अनुमति मिलने के बाद विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार की जाएगी। इस कॉरिडोर की अनुमानित लागत 1,000 करोड़ रुपये होगी और इसमें कम से कम पांच सब-स्टेशन बनाए जाएंगे। वर्तमान में 32.2 किमी के दो कॉरिडोर पर काम जारी है। यदि सभी सात नए कॉरिडोर बनते हैं, तो मेट्रो नेटवर्क का दायरा बढ़कर 74.9 किमी हो जाएगा, जिससे शहर के आउटर क्षेत्रों के यात्रियों को भी सुविधा मिलेगी। मंधना और उन्नाव से रोजाना बड़ी संख्या में लोग शहर आते-जाते हैं, जिन्हें अक्सर ट्रैफिक जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है। मेट्रो विस्तार से इस समस्या से राहत मिलेगी। सभी प्रस्तावित कॉरिडोर बनने के बाद लगभग 45 लाख लोगों को बेहतर सार्वजनिक परिवहन सुविधा मिलेगी।