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UP-पीएम मोदी के अभियान को मजबूत कर रहा केवीआईसी, ग्रामीण कारीगरों को उपकरण और टूल-किट्स देकर बना रहा आत्मनिर्भर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रहे आत्मनिर्भर और विकसित भारत अभियान के तहत बाराबंकी जिले में ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत टूल-किट्स वितरण समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।

इस दौरान केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने अलग-अलग जिले से आए करीब 500 लाभार्थियों को उपकरण और टूल-किट्स वितरित किये। साथ ही नए प्रशिक्षुओं को प्रमाण-पत्र भी दिए। इस दौरान मनोज कुमार ने सभी लाभार्थियों को पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रहे वोकल फॉर लोकल अभियान से जुड़ने की अपील की। कार्यक्रम में प्रमाण पत्र, उपकरण और टूल-किट्स पाकर लाभार्थियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ पाकर वह आत्मनिर्भर हो रहे हैं। बाराबंकी के गांधी आश्रम में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान कुम्हार सशक्तिकरण योजना के तहत उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए 200 कुम्हारों को ट्रेनिंग के बाद विद्युत चालित चॉक, 40 मधुमक्खी पालकों को 400 बी-बॉक्स और बी-कालोनी, 20 लेदर की मशीनें, 20 इलेक्ट्रिशियन और 20 प्लंबर को टूलकिट के साथ ही 246 प्रशुक्षिओं को टूलकिट का भी वितरण किया गया। इस दौरान केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि मोदी सरकार की गारंटी वाली नए भारत की नई खादी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान को नई दिशा दी है। पिछले 9 सालों में खादी उत्पादों की बिक्री में चार गुना से अधिक की बिक्री ने ग्रामीण भारत के कारीगरों को आर्थिक रूप से समृद्ध किया है। कारीगरों को आधुनिक ट्रेनिंग और टूलकिट प्रदान कर केवीआईसी उन्हें आधुनिक बनाने के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत अभियान से भी जोड़ रहा है। मनोज कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कुल 697 खादी संस्थाएं कार्यरत हैं। साल 2023-24 में इन संस्थाओं द्वारा लगभग 394.25 करोड़ रुपए का उत्पादन किया और लगभग 601.11 करोड़ रुपए की बिक्री दर्ज की गई। इसके माध्यम से यहां पर 1.32 लाख कारीगरों को रोजगार प्रदान किया गया। वितरण कार्यक्रम के दौरान मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ मंत्र ने खादी को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई है। पिछले 9 वर्षों में खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों का कारोबार 1.34 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है, जबकि इस दौरान 9.50 लाख से अधिक नये रोजगार का सृजन हुआ है। केवीआईसी अध्यक्ष ने आगे कहा कि केवीआईसी ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत केवीआईसी ने अभी तक 27 हजार से अधिक कुम्हार भाइयों और बहनों को विद्युत चालित चॉक का वितरण किया है। जिससे 1 लाख से अधिक कुम्हारों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। इसी योजना के तहत 6000 से अधिक टूलकिट और मशीनरी का वितरण किया गया है, जबकि हनी मिशन योजना के अंतर्गत अभी तक 20,000 लाभार्थियों को 2 लाख से अधिक हनी बी-बॉक्स और बी कॉलोनी का वितरण किया गया है। लाभार्थियों को उपकरण देने के साथ ही केवीआईसी उन्हें उनके उत्पादों के लिए बाजार भी उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि परंपरागत उद्योगों को बढ़ाव देने के लिए भारत सरकार स्फूर्ति योजना संचालित कर रही है। केवीआईसी के माध्यम से उत्तर प्रदेश में इस समय 15 स्फूर्ति क्लस्टर संचालित हो रहे हैं जिसमें परंपरागत कारीगरों को रोजगार मिल रहा है।

By ICN Network

Ankit Srivastav (Editor in Chief )

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